अभी-अभी: ज्योतिरादित्य सिंधिया हुए भाजपा में शामिल

भोपाल/नई दिल्ली। कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। इससे पहले, सिंधिया अपने घर से काली रेंज रोवर में निकले। उनके साथ भाजपा नेता जफर इस्लाम थे, जो सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के मुख्य सूत्रधार रहे हैं। सिंधिया ने 27 घंटे पहले कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया को सदस्यता दिलवाई। सिंधिया करीब चार बजे भोपाल के लिए रवाना हो गए। वे शुक्रवार को राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं। शुक्रवार को ही मध्यप्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव के लिए नामांकन का आखिरी दिन है। खबरें आ रही हैं कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा सिंधिया के पार्टी में आने से नाराज हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी आलाकमान के सामने जाहिर भी कर दी है।
आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार के 6 मंत्रियों समेत कुल 22 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के तुरंत बाद ही कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। इसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है। मंगलवार को भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में निर्दलीय समेत कुल 94 विधायक ही शामिल हुए थे।
सिंधिया समर्थक विधायक बनेंगे मध्य प्रदेश में मंत्री
मध्य प्रदेश में बहुमत के लिए अब 104 विधायकों की जरूरत है क्योंकि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा की सदस्य संख्या 230 से घटकर 206 ही रह गई है। आपको बता दें कि 2 विधायकों की सीटें उनके देहांत के बाद खाली हैं जहां उपचुनाव होने हैं। सूत्र बता रहे हैं कि इस्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थक विधायकों में से 5 से 7 को मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मंत्री पद दिया जा सकता है। शिवराज सिंह चौहान की एक बार फिर से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हो सकती है।
इस बीच भाजपा ने अपने 106 विधायकों को भोपाल से हरियाणा के मानेसर भेज दिया है। सिंधिया समर्थक 19 विधायकों को भी बेंगलुरु से दिल्ली लाए जाने की संभावना है, जहां से फ्लोर टेस्ट के लिए उनको भोपाल लाया जा सकता है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 26 मार्च को तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। कांग्रेस ने भी अपने बचे हुए सभी विधायकों को मध्य प्रदेश से बाहर जयपुर भेज दिया है।
सिंधिया ने कहा- कांग्रेस पार्टी पहले जैसी नहीं रही
वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस पार्टी में है, कांग्रेस आज पहले जैसी नहीं रही। तीन बिंदु हैं। वास्तविकता से इनकार करना, वास्तविकता से इनकार करके जो इबारत लिखी जाती है, उसका समावेश न करना। जड़ता का वातावरण है। नई सोच-विचारधारा, नए नेतृत्व को मान्यता न मिलना। मैं मानता हूं कि इस वातावरण में, जहां राष्ट्रीय स्तर की जो स्थिति है, वही मध्य प्रदेश में है। मध्य प्रदेश में 2018 में जब सरकार बनी थी तो एक सपना मैंने संजोया था। 18 महीनों में वे सपने पूरी तरह बिखर गए। किसानों की बात हो, 10 दिन में कर्जमाफी की बात की थी, पूरा नहीं हुआ। बोनस, ओलावृष्टि का मुआवजा नहीं मिला। मंदसौर के गोलीकांड के बाद मैंने सत्याग्रह छेड़ा था, लेकिन आज भी हजारों किसानों पर केस लगे हैं। नौजवान भी बेबस है। रोजगार के अवसर नहीं हैं। वचन पत्र में कहा गया था कि हर महीने अलाउंस दिया जाएगा, उसकी सुध नहीं ली गई। भ्रष्टाचार के बड़े अवसर उत्पन्न हो गए हैं। ट्रांसफर उद्योग, रेत का माफिया मध्य प्रदेश में चल रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर अलग विडंबना और राज्य स्तर पर अलग स्थिति। जब कोई सत्य और मूल्यों के आधार पर चलता है तो मैंने निर्णय लिया कि भारत को प्रगति के रास्ते पर चलाना होगा, तो मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं कि मुझे वह मंच प्रदान किया गया है, जिसके आधार पर जनसेवा और राष्ट्रसेवा पर आगे बढ़ पाएंगे। किसी भी प्रधानमंत्री को ऐसा जनादेश नहीं मिला, जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार मिला।