दीक्षार्थी अरहिंत व युवती भव्या के बहुमान में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

मुमुक्षुओं के सम्मान में जैन समाज ने निकाला वरघोड़ा

गंगापुरसिटी. अरिहंत भगवान और जैन धर्म के गगनभेदी जयकारों के बीच यहां रविवार को जैन भागवती दीक्षा लेने वाले युवक अरहिंत जैन व युवती भव्या जैन का भव्य वरघोड़ा निकाला गया। प्रन्यास प्रवर मुनि धैर्यसुंदर, मुनि निर्मोह सुंदर आदि ठाणा चार की अगवानी में शहर के प्रमुख बाजारों से बैण्डबाजों के साथ निकले वरघोड़े का जैन व जैनेत्तर समुदायों के लोगों ने स्वागत किया। समापन पर नसियां स्थित श्री जैन श्वेताम्बर मंदिर में समाज के लोगों व संघों ने दीक्षार्थी मुमुक्षुओं का उनके सांसारिक माता-पिता के साथ बहुमान किया। इससे पहले अल सुबह नौै बजे शत्रुंजय मोटर्स परिसर से जैन ध्वज-पताकाओं से सजी बग्गी में मुमुक्षुओं को सवार किया गया। श्री जैन श्वेताम्बर समाज के अध्यक्ष रीतेश पल्लीवाल ने रवानगी दी। रास्ते में दीक्षार्थियों की ओर से वर्षीदान किया गया। इसे प्राप्त करने में लोगों की श्रद्धा देखते बन रहीं थी। कई जगह जैन श्रावकों ने मुनि संघ की वंदना की। रोली कुमकुम का तिलक कर मुमुक्षुओं का बहुमान किया। समापन पर नसियां मंदिर में मुनि की कामली का सौभाग्य हरिशचंद जैन को, मुमुक्षु अरहिंत के प्रथम बहुमान का देवेन्द्र जैन को तथा भव्या के प्रथम बहुमान के सौभाग्य अरविंद जैन पल्लीवाल को मिला। श्वेताम्बर जैन मंदिर के अध्यक्ष पारसचंद जैन ने बताया कि मुमुक्षु भाई अरिहंत की जैन भागवती दीक्षा 21 जनवरी को खेड़ली में तथा मुमुक्षु बहन भव्या की दीक्षा नदबई में 15 जनवरी को होगी। इस मौके पर जैन समाज के उपाध्यक्ष विजय जैन, कोषाध्यक्ष भगवान सहाय जैन, विकास जैन मोनू, पदमचंद जैन कैमरी, हेमन्त जैन, दिनेश चंद जैन, व्याख्याता सुरेशचंद जैन, जगदीश जैन, सुमंत जैन, महावीर प्रसाद जैन, रितु पल्लीवाल, सुधा, अनीता जैन, बबीता जैन आदि सहित श्वेताम्बर जैन समाज के बड़ी संख्या में धर्मावलंबी मौजूद थे।

संयमित जीवन मोक्ष मार्ग का आधार
प्रन्यास प्रवर जैन मुुनि धैर्य विजय सुंदर महाराज ने यहां जैन मुमुक्षुओं के बहुमान के दौरान कहा कि संयमित जीवन मोक्ष मार्ग का आधार होता है। उन्होंने कहा जीवन में सब कुछ तय होता है, लेकिन जन्म और मृत्यु निर्धारित नहीं होती है। उन्होंने कहा कि जीवन कब, कहां और कैसे जीना चाहिए, इस पर प्रत्येक श्रावक को चिंतन की आवश्यकता है। मुनि निर्र्मोह विजय सुंदर ने कहा कि संसार की समस्त शर्तों को छोड़कर ही मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर हो सकते हैं। इस मौके पर मुमुक्षु अरहिंत जैन ने कहा कि उनका संयम मार्ग पर चलकर उनका जीवन धन्य हो गया हैं। बहन भव्या ने कहा कि वह मोक्ष मार्ग की ओर जाना चाहती है।