महिलाओं को सवैतनिक मासिक धर्म अवकाश की जरुरत नहीं: स्मृति ईरानी

कहा-यह कमजोरी नहीं, हमारी जिंदगी का हिस्सा, लीव से महिला सहकर्मियों में भेदभाव बढ़ेगा

नई दिल्ली। कामकाजी महिलाओं को पेड मेंस्टु्रअल लीव (सवेतनिक मासिक धर्म अवकाश) देने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने असहमति जताई है। ईरानी ने कहा कि मेंस्टु्रएशन महिलाओं के जीवन की सामान्य प्रक्रिया है। इसे किसी कमजोरी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए।

पीरियड्स और मेंस्टु्रएशन साइकिल परेशानी की बात नहीं हैं। पीरियड्स के दौरान ऑफिस से लीव मिलना महिलाओं से भेदभाव का कारण बन सकता है। ईरानी ने संसद में महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेड लीव देने से जुड़े राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज कुमार के सवाल पर जवाब दिया। पीरियड हाइजीन के लिए मसौदा तैयार, फैलाई जाएगी जागरूकता स्मृति ईरानी ने पीरियड हाइजीन को महत्वपूर्ण बताते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किए गए एक ड्राफ्ट का जिक्र किया।

कहा कि स्टेक होल्डर्स के सपोर्ट से यह नीति तैयार की गई है जिसका उद्देश्य पीरियड्स और हाइजीन को लेकर जागरूकता फैलाना है। उन्होंने मौजूदा एमएचएम (मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन) को बढ़ावा देने वाली योजना की बात की, जो 10 से 19 साल की लड़कियों के लिए है। इस योजना के जरिए में पीरियड से जुड़ी जागरुकता फैलना उद्देश्य है।

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