शहर में गुटखा व जर्दा की कालाबजारी चरम सीमा पर

गंगापुर सिटी। सरकार की तरफ से कोरोना वायरस के संक्रमण को देखेते हुए सार्वजनिक स्थलों पर पान, गुटखा खाकर उसकी पीक थूकने को प्रतिबंधित किया गया है। इसके बावजूद भी कस्बे व क्षेत्र में गुटखा व धूूम्रपान के सामानों की कालाबाजारी अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई है। लेकिन प्रशासन पान-गुटखा व सिगरेट आदि बेचने वाले थोक दुकानदारों पर कार्रवाई नहीं कर रही है, जिससे उनके हौसलें बुलंद हैं। आम दिनो में 5 व 10 रुपए में बिकने वाले गुटखे की कीमत लॉकडाउन में 30 से 50 रुपए हो गई है। नटराज व मिराज तम्बाकू के 10 से 15 वाला पाउच 30 से 60 रुपए हो गया है। जब इस बारे में एक रिटेल दुकानदार से मालूम किया गया तो उसने बताया कि ये कालाबजारी थोक दुकानदारों के द्वारा की जा रही है। वह गुटखा आदि के पैकिट पर तीन-तीन गुनी रेट बढ़ा दी। पुलिस को चाहिए कि वह शहर के थोक दुकानदारों पर कार्रवाही कर उनके स्टॉक की जांच करे और निर्धारित दरों पर ही गुटखा बेचने के लिए पाबंद करे।