जन आंदोलन के तहत रेल कर्मचारियों और शहर के विभिन्न संगठनों द्वारा रेलवे के निजीकरण के विरोध में बहुत जबरदस्त प्रदर्शन
वक्ताओं ने कहा रेलवे किसी की बपौती नहीं, यह हमारी है, इसका निजीकरण हमें मंजूर नहीं
गंगापुर सिटी। भारतीय रेल किसी की बपौती नहीं चाहे जिसको बेच दे। इसे रेल कर्मचारियों ने खून-पसीने से सींचकर आमजन के सहयोग से बनाया है। केंद्र में बैठे कुछ लोग इसे बेचने का निर्णय लेते हैं यह देश के साथ में नाइंसाफी है।
आज रेलवे स्टेशन प्रांगण में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के द्वारा रेलवे के निजीकरण के विरोध में चलाए जा रहे हैं जन आंदोलन के तहत रेल कर्मचारियों एवं शहर के विभिन्न संगठनों के सैकड़ों सदस्यों द्वारा जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया।
हाथों में लाल बैनर, झंडे एवं मांग पट्टी लेकर प्रर्दशनकारियों ने केंद्र सरकार के 151 गाडिय़ों को प्राइवेट ऑपरेटर्स के द्वारा चलाए जाने, 50 से अधिक रेलवे स्टेशन बेचने, रेलवे भर्ती पर रोक लगाने के निर्णय के विरोध में जबरदस्त नारेबाजी की गई।
इस अवसर पर यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि इस सरकार ने कोरोना की आड़ में रेल बेचने का खेल किया है। इससे रेल कर्मचारियों का भविष्य तो खतरे में पड़ ही गया है लेकिन देश के करोड़ों पढ़े-लिखे नौजवान जो कि रेलवे में नौकरी की आस लगाए बैठे हैं उनके सपनों को भी रेलवे भर्ती पर रोक लगाकर तोड़ दिया है।
जैन ने कहा कि हमें किसी भी सूरत में रेलवे का निजीकरण मंजूर नहीं। इसके लिए अब आम जनता को भी आंदोलन में उतरना पड़ेगा।
इस अवसर पर रेलवे पेंशनर्स यूनियन के इतवारी लाल ने कहा कि केंद्र सरकार उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए मजदूर विरोधी कार्य कर रही है। छात्र संगठन के नेता ब्रजभूषण मीणा, बेरोजगार संगठन के जिला अध्यक्ष जवान सिंह मोहचा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस सरकार ने देश के नौजवानों के साथ गद्दारी की है। सरकारी उपक्रमों को एक-एक करके बेचा जा रहा है। हमारे नौकरी के अवसर खत्म किए जा रहे हैं। हम पढ़े-लिखे नौजवान अब सरकार के साथ में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हंै।
ऑल इंडिया रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के सचिव हेमपाल लोधी व आल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोशिएशन के सचिव हरिसिंह मीणा ने कहा कि हम रेल चलाना जानते हैं तो रेल रोकना भी जानते हैं। सरकार हमें कमजोर नहीं समझे। रेलवे एसटीएससी एसोसिएशन के सचिव ज्ञानसिंह मीणा ने कहा कि रेल को बचाने के आंदोलन में सभी वर्गों के रेल कर्मचारी एकजुट है।
हिंद मजदूर सभा से जुड़े हुए संगठनों के पदाधिकारी इमामुद्दीन खान, सीताराम शर्मा ने कहा कि रेलवे के निजीकरण के खिलाफ हमारी यूनियन आपके साथ है। आदिवासी मीणा समाज के नेता राजेश आदिवासी ने कहा कि हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आमजन की भलाई के लिए भारतीय रेल के निजीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद करनी होगी।
रेल विकास समिति के संयोजक वेद प्रकाश मंगल ने कहा कि शहर के व्यापारी वर्ग भी इस आंदोलन में साथ में है हमें मिलजुलकर संघर्ष करना है। मानव सेवा संस्थान एवं प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष दीपक नरूका ने कहा कि रेलवे की यूनियन के साथ हम कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन करने को तैयार हैं।
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता सतीश चंद जैन ने कहा कि हमें रेल के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन में सबकी सहभागिता सुनिश्चित होने के लिए एक संयुक्त संघर्ष समिति का गठन करना होगा।
एम्प्लाइज यूनियन सचिव हरिप्रसाद मीणा ने कहा कि हमारा संगठन सरकार की हर गतिविधि पर नजर रखे हैं। सरकार की मंशा जल्दी से जल्दी गाडिय़ों एवं स्टेशन का संचालन प्राइवेट कंपनियों को देने की है। अत: आने वाले समय में हमें बड़ा आंदोलन करना होगा। इसके लिए रेल कर्मचारियों के साथ-साथ आमजन भी आंदोलन में सहयोग करने के लिए तैयार रहे।
सभा का संचालन कर रहे यूनियन के युवा नेता वीरेंद्र मीणा ने कहा कि अभी आंदोलन की शुरुआत है हमने आज आंदोलन का बिगुल बजाया है आने वाले समय में बहुत बड़ा आंदोलन होना निश्चित है। इसके लिए सभी रेल कर्मचारी और आम जनता आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हो जाए।
इस अवसर पर छात्र संगठन के सुबह सिंह सैमाडा, लोकेश जगरवाड, संजय खेड़ा, ऋषि पीलोदा, नेपाली हरकेश खंडीप, मदन मोहन, पुष्पेंद्र, लक्ष्मीचंद, पीआर मीणा, संतुराम, अंकित तवर, मनराज मीणा, हरकेश माली, हेमपाल लोधी, कमलेश मीणा, अब्दुल कासिम, संजय मीणा, देवीलाल मीणा, मदन गोपाल मिश्रा, लक्की सिंह, मनोज कुमार, ऋषिपाल सिंह, सूर्य प्रकाश शर्मा, नदीम मोहम्मद, आदिल खान, रायसिंह मीणा, मनमोहन शर्मा, सुनील जांगिड़, उदयसिंह गुर्जर, गजानंद शर्मा, राजेश चाहर, हरिमोहन गुर्जर, आदिल खान, पपेन्द्र शर्मा, चन्द्रभान मीना, खण्डीप, शशी शर्मा सहित बड़ी संख्या में रेल कर्मचारी व आमजन उपस्थित थे।