अश्विनी वैष्णव और भूपेंन्द्र यादव राजस्थान से लड़ सकते हैं Lok Sabha Election!

Lok Sabha Election: मोदी सरकार के 8 मंत्रियों सहित बीजेपी के 32 सांसदों का कार्यकाल हो रहा खत्म

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से ठीक पहले बीजेपी के 32 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इनमें ज्यादातर सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 को खत्म हो रहा है।

ऐसे में नव मतदाताओं के मन में सवाल उठता है कि क्या 2 अप्रैल 2024 के बाद मोदी सरकार के ये मंत्री इस्तीफा देंगे या उनका मंत्री पद बरकरार रहेगा?

Lok Sabha Election 2024 से पहले मोदी मंत्रिमंडल में शामिल कई केंद्रीय मंत्रियों का राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसमें मोदी सरकार के मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पुरुषोत्तम रुपाला, राजीव चंद्रशेखर, नारायण राणे और अश्विनी वैष्णव का नाम शामिल है।

भाजपा संगठन की बात करें तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, सुशील कुमार मोदी, प्रकाश जावड़ेकर, सरोज पांडेय, अनिल बलूनी, सुधांशु त्रिवेदी, अनिल जैन, कांता कर्दम, सकलदीप राजभर, जेवीएल नरसिम्हा राव सहित कई नाम शामिल हैं।

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के साथ-साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का कार्यभार देख रहे डॉ. मनसुख मंडाविया, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, रेल और दूरसंचार मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे अश्विनी वैष्णव और पुरुषोत्तम रुपाला उन प्रमुख नामों में शामिल हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें पार्टी Lok Sabha Election लड़ा सकती है।

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भाजपा सूत्रों की मानें तो अश्विनी वैष्णव और भूपेंन्द्र यादव राजस्थान से, मनसुख मांडविया गुजरात से, ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं धर्मेद्र प्रधान ओडिशा से Lok Sabha Election लड़ सकते हैं। नए साल में राज्यसभा की 69 सीट खाली हो रही हैं।

इनमें से 56 सीट लोकसभा चुनाव से पहले यानी अप्रैल-मई तक खाली हो जाएंगी। इनमें कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू, शिवसेना सहित कई पार्टियों के सांसद शामिल हैं। वहीं बीजेपी के आठ मंत्रियों का कार्यकाल इसी अवधि में खत्म होगा।

हालांकि जब इन मंत्रियों का कार्यकाल खत्म होगा, उस समय देश में आम चुनाव का ऐलान हो चुका होगा। ऐसे में कई राज्यसभा सांसद और मंत्री Lok Sabha Election भी लड़ते हुए नजर आ सकते हैं।

क्या कहता है नियम मोदी मंत्रिमंडल के आठ मंत्रियों के सांसदी खत्म होने के बाद भी अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे, क्योंकि संविधान में संसद के सदस्य बने बिना भी छह महीने तक कोई भी शख्स मंत्री बना रह सकता है।

संविधान के नियम के अनुसार ‘कोई भी शख्स संसद या विधानमंडल का सदस्य रहे बिना भी अधिकतम छह महीने तक मंत्री पद पर रह सकता है। यदि छह महीने के अंदर संसद या विधानमंडल में सदस्य नहीं बनता है तो उसे तब इस्तीफा देना पड़ेगा.’ इस लिहाज से देखा जाए तो मोदी सरकार के इन मंत्रियों का मंत्री पद जाने का कोई खतरा नहीं है।