Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी को जगमगाएगी
नई दिल्ली। अयोध्या स्थित भगवान श्रीराम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व तैयारियां जोरों पर हैं। शहर की एक मुख्य सड़क को सूर्य-थीम वाले स्तंभों से सजाया जा रहा है। 30 फुट ऊंचे प्रत्येक स्तंभ में एक खूबसूरत गोलाकार आकृति बनी है, जो रात में लाइट जलने पर सूर्य की तरह चमकने लगता है।
उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के अयोध्या डिवीजन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस तरह के 40 खंभे सड़क, धर्मनगरी के पथ पर लगाए जाएंगे। ये जगह नया घाट के पास लता मंगेशकर चौक को अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) बाईपास से जोड़ती है। इंजीनियर एपी सिंह के अनुसार राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्रतिष्ठा से पहले इन सूर्य स्तंभों को लगाने का काम किया जा रहा है। इसमें से 20 स्तंभ लता मंगेशकर चौक के पास लगाए जाएंगे।
Ayodhya Ram Mandir
सड़क के दोनों ओर 10-10 पिलर लगाए जाएंगे। सड़क पर सूर्य स्तंभों को सजाने का काम किया जा रहा है। शेष 20 खंभे सतरंगी पुल से आगे साकेत पेट्रोल पंप के पास उसी सड़क पर लगाए जा रहे हैं। सीमेंट कंक्रीट से बने प्रत्येक स्तंभ को विशेष फाइबर से सजाया गया है। इसमें जय श्री राम का नारा, भगवान हनुमान की गदा और अन्य सजावटी चीजें लगाई गई हैं। सूर्य-थीम वाले स्तंभों को स्थापित करने का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया था, जिसने इस काम के लिए मुंबई की फर्म को हायर किया।
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेंगे। मोदी अयोध्या रेलवे स्टेशन और श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के साथ ही एक रैली को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हवाई अड्डे से शहर तक रोड शो भी करेंगे।
Ayodhya Ram Mandir
दूसरी ओर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर का निर्माण 70 एकड़ भूमि के उत्तरी भाग पर किया जा रहा है। यहां तीन मंजिला मंदिर बनाया जा रहा है। मंदिर के भूतल का काम पूरा हो चुका है, पहली मंजिल निर्माणाधीन है। यहां 20 एकड़ से ज्यादा जमीन पर निर्माण कार्य चल रहा है और 50 एकड़ में हरियाली है। ये पेड़ सौ साल पुराने हैं। ऐसे घने जंगल हैं जहां सूरज की किरणें जमीन तक नहीं पहुंचतीं। इसलिए जमीन का जलस्तर कभी नीचे नहीं जाएगा।
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अयोध्या में 22 जनवरी को प्रस्तावित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले पूरे क्षेत्र के कायाकल्प की प्रक्रिया जारी है। 30 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे से पूर्व श्रीराम जन्म भूमि मंदिर को जोडऩे वाले सभी प्रमुख मार्गों पर रामायण काल के प्रमुख प्रसंगों का मनमोहक चित्रण कराने की दिशा में सरकार के प्रयासों में तेजी लाई जा रही है।
गौरतलब है कि अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) का उद्देश्य अयोध्या शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाने का है और वर्ष 2047 तक अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करने पर लक्ष्य केंद्रित किया जा रहा है। साथ ही अयोध्या में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार करने की दिशा में सार्थक प्रयास हो रहे हैं जिससे अयोध्या शहर प्राचीनता व आधुनिकता का जीवंत मिश्रण बन सके।
एडीए के अधिकारी ने बताया कि प्रतिष्ठित धर्म पथ रोड के किनारे टेराकोटा कलाकृतियों व भित्तिचित्रों की स्थापना की जा रही है। इनमें प्रभु श्रीराम के जीवनकाल से जुड़े संदर्भों को दर्शाया जा रहा है। इसमें श्रीराम दरबार, खर-दूषण वध, कैकई कोपभवन गमन दृष्य समेत अनेक प्रसंगों को दर्शाया जा रहा है। टेराकोटा भित्ति चित्रों के निर्माण से यह स्थान सेल्फी प्वॉइंट में भी परिवर्तित हो गया है।