विलेज मास्टर प्लान बनाने से पहले संबधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाए- मुख्य सचिव

जयपुर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विलेज मास्टर प्लान बनाने से पहले तहसीलदारों, नगर नियोजकों, अभियंताओं, कनिष्ट तकनीकी अधिकारियों और पटवारियों आदि को गहन प्रशिक्षण दिया जाए । उन्होंने कहा कि भविष्य में गांवों की बढी हुयी आबादी के अनुरूप आधारभूत सुविधाएं सुव्यवस्थित रूप से विकसित हो सकें व गांव समृद्ध व खुशहाल प्रदेश के प्रतीक बन सकें।  आर्य सोमवार को मुख्यमंत्री की  गांवों के मास्टर प्लान बनाने के लिए बजट घोषणा की पालना हेतु पंचायती राज, राजस्व विभाग, वित्त व नगर नियोजन से जुड़े हुए विभागों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोंधित कर रहे थे।
उन्होंने  निर्देश दिए कि पंचायती राज विभाग राजस्व विभाग के साथ जमीन संबधी मामले और नगर नियोजन विभाग से साथ नियोजन संबंधी तकनीकी मामलों में समन्वय  कर 35 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों के लिए शीघ्र मास्टर प्लान तैयार करें और इसके लिए संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाए।
आर्य ने निर्देश दिए कि पहले फेज में 25 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में जमीन चिन्हित की जाए ताकि इन गांवों का महत्वाकांक्षी मास्टर प्लान बन सकें। उन्होंने पंचायत राज विभाग को निर्देश दिए कि मास्टर प्लान हेतु भूमि चिन्हित करने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर मास्टर प्लान बनाने में भूमि चिन्हीकरण संबंधी जो अंतराल रह गया है उसे पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान बनाने हेतु सभी संबंद्ध पक्षों की भागीदारी सुनिश्चित कर उनके बहुमुल्य सुझाव लेकर उन्हें भी समाहित किया जाए।
आर्य ने कहा कि नियोजित मास्टर प्लान की अहमियत को समझते हुए प्रदेश के गांवों में मास्टर प्लान बनाया जाए जिसमें भविष्य के लिए क्षेत्र की शिक्षा, स्वास्थ्य, आबादी विस्तार, खेल सुविधाएं, सरकारी भवनों, सड़क, गौशालाएं, पशुपालन, आवारा पशुओं के लिए बाड़ा, मनोरंजन एवं अन्य विकास की आवश्यकताओं का आकलन करके भूमि का चिन्हिकरण पटवारियों के सहयोग से किया जाए। उन्होंने कहा कि गांवों के लिए एक बेहतर रणनीति के तहत मास्टर प्लान बनाया जाए ताकि हर गांव का नक्शा एक क्लिक के साथ स्क्रीन पर आ जाए।
बैठक में वीसी के माध्यम से प्रमुख शासन सचिव राजस्व आनंद कुमार,  पंचायत राज विभाग की शासन सचिव श्रीमती मंजु राजपाल, विशिष्ट शासन सचिव  वित्त नरेश ठकराल, भू प्रबंध आयुक्त महेन्द्र पारख,  निदेशक, पंचायती राज, डॉ. घनश्याम और मुख्य नगर नियोजक राजस्थान आर के विजयवर्गीय, संयुक्त शासन सचिव श्री विधि श्री मगन लाल योगी भी मौजद रहे।