ट्रैकमेन के प्रमोशन में वरिष्ठों को दरकिनार, साहब के खासों को पुरस्कार, डबलूसीआरईयू सख्त, दी चेतावनी

कोटा। रेलवे को चौबीसों घंटे सुरक्षित व संरक्षित रेल संचालन के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने वाले ट्रैकमैन के सुविधाओं, समयबद्ध पदोन्नति आदि के लिए तमाम व्यवस्थाएं की जाती हैं, लेकिन वास्तविकता में जब उन्हें इसका लाभ देने का वक्त आता है तो अफसरों के खासखामस इसमें बाजी मार जाते हैं और फील्ड में काम करने वाले कर्मचारी या ट्रैकमेन, चाहे उसे भले ही जीएम अवार्ड, डीआरएम अवार्ड से पुरस्कृत किया गया हो, वह इसमें फेल हो जाता है।
ऐसा ही बड़ी संख्या में मामला पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में सामने आया है, जहां पर कैडर रिस्ट्रक्चरिंग के माध्यम से पदोन्नति की बाट जोह रहे करीब 100 सीनियर ट्रैकमैनों को फेल कर दिया गया, जबकि पास हुए लोगों में काफी संख्या ऐसे लोगों की हैं, जिन्होंने कभी फील्ड में काम नहीं किया, वे अफसरों के बंगलों या फिर आफिस में काम करते थे, वे पास कर दिये गये। इस मामले पर वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए डीआरएम को पत्र लिखकर वरिष्ठता को दरकिनार कर जारी की गई लिस्ट की जगह संशोधित सूची जारी करने की मांग की है।
वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के महामंत्री व कोटा मंडल सचिव मुकेश गालव ने डीआरएम कोटा को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि ट्रैकमेन के जारी रिस्ट्रक्चरिंग का परिणाम संतोषजनक एवं नियमानुसार सही नहीं निकाला है। अभी तक कोटा मंडल में सभी परीक्षाओं में भाग लेने वाले अभ्यार्थिओं का परिणाम उपयुक्त एवं अनउपयुक्त दर्शा कर जारी किया जाता है, परन्तु दुर्भाग्यवश इंजीनियरिंग विभाग के ट्रेक मैन्टेनर स्टाफ के साथ इस तरह का परिणाम जारी कर एक संदेह पैदा करता है।
जीएम, डीआरएम अवार्डी ट्रैकमैन कैसे हो सकता है फेल?
गालव ने जारी सूची पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वर्तमान में महाप्रबंधक द्वारा अवार्डेड, मंडल रेल प्रबंधक स्तर पर अवार्डेड, उत्कृष्ठ, बहुत अच्छा, ग्रेडिंग वाले कर्मचारी जो पिछले कई वर्षों से रेलवे का कार्य बखूबी निभा रहे हैं इतना ही नहीं ऐसे कर्मचारी इसके साथ-साथ अन्य ट्रेडों के काम को भी जो पद रेलवे में रिक्त हैं, उन पदों का काम भी संभाल रहे हैं। ऐसे सभी कर्मचारियों का नाम इस घोषित परिणाम में दर्शाया नहीं गया है। ऐसे उत्कृष्ठ कर्मचारियों की रेलवे के किसी कर्मचारी को उम्मीद भी नहीं हो सकती कि वो अपने पदोन्नति अवसर पर वंचित कर दिये जायेंगें। जिनके दम पर केवल उनका ही नहीं अन्य पदों का कार्य भी संभाला जा रहा है। यदि इस तरह से परिणाम घोषित करके कर्मचारियों में संदेह रहेगा तो निश्चित तौर से कर्मचारियों का मनोबल टूटेगा और कहीं ना कहीं रेल विभाग को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
तत्काल परिणाम करें निरस्त, नई सूची जारी हो, नहीं तो करेंगे आंदोलन
डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने मंडल रेल प्रशासन कोटा को स्पष्ट किया है कि तुरन्त प्रभाव से उपरोक्त सभी जारी परिणामों को निरस्त करते हुये सभी कर्मचारियों को परिणाम जारी किया जाये। ताकि कर्मचारियों में यह संदेश जाए कि कड़ी मेहनत करके रेलवे में उत्कृष्ठ एवं ज्यादा भार लेकर काम करने का जो काम किया है, उसका क्या परिणाम होता हैं। यूनियन ने चेतावनी दी है कि इस मामले का शीघ्र निराकरण करें, अन्यथा यूनियन को आन्दोलनात्मक कदम उठाने को मजबूर होना पड़ेगा।