कोविड-19 के दौर में मानसिक स्वास्थ्य और परामर्श विषय पर हुआ वेबीनार का आयोजन

गंगापुर सिटी। भगवती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय गंगापुर सिटी द्वारा बुधवार को एक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन कोविड-19 के दौर में मानसिक स्वास्थ्य और परामर्श विषय पर वर्धमान महावीर मुक्त विश्वविद्यालय कोटा के सहयोग से किया गया। इस वेबीनार का आयोजन ऑनलाइन सिस्को वेबैक्स के माध्यम से किया गया। वेबीनार के प्रारंभ में डॉक्टर कीर्ति सिंह ने सभी का स्वागत किया तथा भगवती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के निदेशक डॉ. अनुज कुमार शर्मा ने आयोजक संस्थाओं का परिचय दिया। साथ ही उन्होंने वेबीनार के आयोजन में वर्धमान महावीर विश्वविद्यालय के सहयोग के लिए कुलपति का आभार भी व्यक्त किया।
वेबीनार के उद्घाटन भाषण में कोटा विश्वविद्यालय कोटा के कुलसचिव डॉ. आर. के. उपाध्याय ने कहा कि कोरोना की जंग को हम भारतीयता के साथ लड़कर जीत सकते हैं। वर्तमान समय में व्हाट्सएप पर बड़ी यूनिवर्सिटी है। हमें ध्यान देना है कि कोई भी गलत सूचना को फैलाने में सहयोग ना दें। इसके लिए आवश्यक है कि कोई भी संदेश फॉरवर्ड तभी करें जब आप उसकी सत्यता से भली-भांति परिचित हो।
वर्धमान महावीर मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर. एल. गोदारा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हमें व्यस्त रहें-मस्त रहें, की नीति अपनानी होगी। उन्होंने वर्तमान समय में कोरोना वायरस से संबंधित तकनीकी और व्यवहारिक जानकारियाँ पावर पॉइंट के प्रेजेंटेशन द्वारा सभी से साझा की। अपने उद्बोधन में उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया।
इस अवसर पर कोटा के मानसिक स्वास्थ्य के सीनियर कंसलटेंट डॉ. एम. एल. अग्रवाल ने कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य विषय पर कहा कि हमें अपनी भावनाओं को स्वीकार करना चाहिए तथा उन्हें डायरी में लिखना चाहिए। हमारी भावनाएं सकारात्मक सोच की होनी चाहिए। उन्होंने व्यायाम तथा मेडिटेशन करने पर भी जोर दिया तथा छात्रों के लिए भी शैक्षणिक गतिविधियां आयोजित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को एकाग्रता की कठिनाई है, असहाय होने का एहसास है या आत्महत्या के विचार बार-बार आते हों तो डॉक्टर से परामर्श लेने की आवश्यकता है। उन्होंने स्लीपिंग हैबिट की चर्चा करते हुए कहा कि सोते समय टीवी देखना नहीं चाहिए। इतना ही नहीं बेडरूम में तो टी वी नहीं हो तो बेहतर है। टी वी का स्थान ड्राइंग रूम है। कोविड-19 और परामर्श विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए एनसीईआरटी, नई दिल्ली की प्रोफेसर डॉक्टर शरद सिन्हा ने कहा कि इस दौरान शिक्षक ऑनलाइन क्लासेज लेने के लिए नए-नए कौशल सीख रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एनसीईआरटी ने अभी स्कूल कैसे खुलेंगे? इसके लिए गाइडलाइंस तैयार कर ली है जो वेबसाइट पर उपलब्ध है। डॉ शरद सिन्हा ने इस बात पर जोर दिया कि हमें कोविड-19 से संबंधित ज्यादा खबरें नहीं देखनी या पढऩी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन समाचार देखने का एक निश्चित समय बनाना चाहिए, जिसमें दिनभर की खबरें हमें प्राप्त हो जाए। दिन में एक बार जानकारी प्राप्त कर लेना ही पर्याप्त है। इसके साथ ही टी वी के अन्य कार्यक्रमों को देखने का भी समय निश्चित होना चाहिए। इतना ही नहीं मोबाइल पर व्हाट्सएप और ई-मेल बार-बार चेक करने की आदत लोगों को होती है यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। इस कार्य के लिए भी निर्धारित समय ही होना चाहिए। साइबर थ्रेट्स पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति के साथ कोई घटना घटती है विशेषकर लड़कियों के साथ तो अपने परिवार के सदस्यों के साथ अवश्य साझा करें। किसी भी प्रकार के भय से उसे ना दबाएं। कार्यक्रम का संचालन भगवती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. कृष्ण कांत शर्मा ने किया तथा धन्यवाद वर्धमान मुक्त विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अखिलेश कुमार ने दिया। इस वेबीनार में विभिन्न राज्यों के 80 से भी अधिक प्रतिभागी लगातार जुड़े रहे।