सीबीआई की कार्यवाही: 11 हजार 500 रुपए की रिश्वत मामले में सीओएस ट्रेप

गंगापुर सिटी। गंगापुर सिटी के सहायक मंडल इंजीनियर कार्यालय में (एडीईएन) आर. के. तिवारी के अधीन कार्यरत मुख्य कार्यालय अधीक्षक के पद पर कार्यरत जालंदर योगी (59 वर्षीय) को 11 हजार 500 रुपये रिश्वत मामले में रंगे हाथों सीबीआई जयपुर द्वारा ट्रेप किया गया है।
जानकारी के अनुसार रेलवे ठेकेदार बेनीराम मीना द्वारा बिल पास करवाने की एवज में मंगलवार देर रात 11 हजार 500 रुपए जालन्धर योगी को दिए, उस दौरान कार्यालय में जालंदर अकेला ही था, बाहर केवल चौकीदार मेनुदीन मौजूद था।
सीबीआई द्वारा कार्यवाही कर बुधवार को रात्रि करीब डेढ बजे जालन्दर योगी को अपने साथ ले गई। सूत्र सूचना अनुसार यह कर्मचारी हिंडौन सिटी से अप-डाउन करता है तथा कभी-कभी रात के समय कार्यालय में ही रहता था।
गौरतलब है कि ल्हावद (करौली) निवासी बेनीराम मीना ने जालन्दर योगी द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत 15 जून को सीबीआई जयपुर में की थी। बेनीराम ने शिकायत में बताया कि हिण्डौन गैंग चाल डुमरिया पीलोदा सेक्शन रिपेयर ए.सी. सिट वर्क पूरा हो गया था। वर्क का फाइनल बिल बनवाने के लिए एईएन कार्यालय डब्ल्यूसीआर गंगापुर सिटी में कार्यरत जालन्दर योगी (सीओएस) द्वारा 0.50 प्रतिशत के हिसाब से 11 हजार 500 रुपए की रिश्वत की मांग कर रहा है, जो वह देना नहीं चाहता था। क्योंकि सभी कार्य पूरी निष्ठा व ईमानदारी से किया था। उसने शिकायत मेंं जालन्दर पर आरोप लगाया कि यदि उसने रिश्वत की राशि का भुगतान नहीं किया तो वह उच्चाधिकारियों से बिल पास नहीं होने देगा तथा उनसे कहकर पैनल्टी लगवा देगा। इस संबंध में उसने डब्ल्यूसीआर के अधिकारियों व जालन्दर योगी के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही करने की मांग की थी। बेनीराम ने दर्ज शिकायत में बताया था कि पूर्व में भी रिश्वत की राशि नहीं दिए जाने पर मनोज गर्ग (सीनियर डीएन कोटा) और एसएसई भरतपुर व बयाना के द्वारा मेरे दो कार्य दुस्य पूर्ण नियत से टरमिनेट कर पैनल्टी लगा दी गई है।