हृूमन वेलफेयर एण्ड डवलपमेंट सोसायटी ने किया वितरण
गंगापुर सिटी। ग्राम पंचायत उदेईकलां के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हृूमन वेलफेयर एण्ड डवलपमेंट सोसायटी (क्रिएटिव पब्लिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल) की ओर से जर्सी वितरण समारोह आयोजित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलक्टर नवरत्न कोली रहे। अध्यक्षता उपजिला कलक्टर विजेन्द्र कुमार मीना ने की। क्रिएटिव स्कूल के निदेशक महेन्द्र कुमार शर्मा, सीबीईओ महेश मीना, एसीबीईओ संतोष सोनी, संयोजक एवं प्रधानाचार्य श्रीमती विजय मीना विशिष्ट अतिथि रही।
द्वीप प्रज्वलन के बाद एडीएम कोली ने विद्यालय की दयनीय स्थिति का जिक्र करते हुए भामाशाहों को जाग्रत किया, जिसमें स्वेच्छा से कई भामाशाहों ने योगदान देने की घोषणा की। भामाशाह मुक्तदि अहमद ने सम्पूर्ण विद्यालय के रंग-रोगन कराने, श्रीमती विजयबाई मीना एवं स्टाफ ने 21 हजार रुपए, मसरूर अहमद व हाजी अफजल ने ३१-31सौ रुपए, गिर्राज प्रसाद चंदेला ने २१सौ, रामेश्वर पटवा ने 11सौ, मोहम्मद सादिक मौलाना ने एक हजार रुपए की घोषणा की।
इससे पहले सभी अतिथियों का साफा बांधकर व माला पहनाकर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर एडीएम कोली ने कहा कि हृूमन वेलफेयर एण्ड डवलपमेंट सोसायटी द्वारा क्रिएटिव पब्लिक स्कूल के एडमिनिस्टे्रटर दीपक राज, प्रबंध निदेशक गौरव राज की ओर से विद्यार्थियों को जर्सी वितरण की गई। यह पहल अपने आप में एक अनूठा उदाहरण है, जिसमें शीतकाल में इन निर्धन बच्चों को जो एक पतली शर्ट पहने हुए हैं, उन्हें शरीर ढकने के लिए गर्म कपड़ों की आवश्यकता है।
एसडीएम मीना ने इस पहल के लिए क्रिएटिव गल्र्स कॉलेज के स्वेटर वितरण में दिए गया सुझाव को इतनी शीघ्रता से पूर्ण कर दिया गया।
महेन्द्र कुमार शर्मा ने एडीएम कोली के नेतृत्व की प्रशंसा की, जिसके कारण ही यह कार्य पूर्ण हुआ। हृूमन वेलफेयर एण्ड डवलपमेंट सोसायटी की ओर से प्रतिवर्ष इस प्रकार के कार्य शिक्षा शिक्षा सम्बल कार्यक्रम में किए जाते हैं।
भामाशाह मुक्तदिर अहमद ने कहा कि वे इस विद्यालय के विद्यार्थी रहे हैं। वे चाहते हैं कि विद्यालय रंग-बिरंगे वातावरण में सुखद स्थिति में पहुंचे। विद्यालय में सभी व्यवस्थाओं की कमी पूर्ण होकर यह ब्लॉक का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बने।
जर्सी एवं टोपे पहनकर विद्यार्थियों के चेहरे पर मुस्कान आने से वातावरण खुशनुमा हो गया। मंच संचालन रामदयाल ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजदू रहे।