प्रत्येक मृतक की कोरोना जॉंच जरूरी नहीं, गाइडलाइन के अनुसार की जाए कार्रवाई

सवाई माधोपुर। पूर्ण सम्मान के साथ अपनों के हाथों अंतिम विदाई प्रत्येक धर्म और सभ्यता में महत्वपूर्ण बिन्दु है। कोरोना संक्रमण रोकने की दृष्टि से विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह पर केन्द्र और राज्य सरकार ने समय-समय पर गाइडलाइन जारी कर अंतिम संस्कार के सम्बंध में कुछ प्रतिबंधात्मक बिन्दु निर्धारित किये थे। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन के नवीनतम अध्ययन के बाद राज्य सरकार ने मानवीय संवेदना और आमजन की भावनाओं के मध्यनजर कोरोना के मरीजों की मृत्यु के बाद उनका शव परिजनों को सौंपने और पूरे मेडिकल प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार करवाने के सम्बंध में नवीनतम गाइडलाइन जारी की है।
एडीएम बी एस पंवार ने सभी सम्बंधित प्रशासनिक, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व स्थानीय निकायों के अधिकारियों को इस गाइडलाइन की अक्षरशः पालना करवाने के निर्देश दिये हैं।
एडीएम ने बताया कि गाइडलाइन  में कोरोना संक्रमित की पार्थिव देह को परिजनों को सौंपने और पूर्ण सावधानी के साथ अंतिम संस्कार करवाने के निर्देश हैं साथ ही सावचेत किया गया है कि भावनात्मक रूप से बरती गई कोई भी लापरवाही परिजन व अन्य लोगों के लिए प्राणघातक हो सकती है।
गाइडलाइन के अनुसार अब तक हुये अध्ययन के अनुसार कोविड का संक्रमण मुख्यतया ड्रॉपलेट्स के जरिए होता है। यदि शव को निर्धारित प्रोटोकॉल के साथ समुचित सावधानियां अपनाते हुए संभाला जाए तो उससे संक्रमण के फैलने के कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। प्रत्येक मृतक की कोरोना जांच करवाना जरूरी नही है। उसी व्यक्ति की कोविड-19 जांच की जाये जिनकी मृत्यु आईएलआई या एसएआरआई लक्षण से हुई हो। जांच रिपोर्ट के इंतजार के बिना भी शव परिजनों को दिया जा सकता है। प्रत्येक मृतक का पोस्टमार्टम करना भी जरूरी नही है।
शव लेने के बाद पूरे प्रोटोकॉल के अनुसार पारदर्शी बेग में संबंधित मरीज की जानकारी अंकित कर परिजन उसे अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक श्मशान या कब्रिस्तान ले जाने के लिए स्वतंत्र होंगे। शव की सूचना के बारे में भी परिजनों को ही जिला प्रशासन को सूचित करना होगा। यदि परिजन कोरोना ग्रसित का शव लेना नहीं चाहते हैं तो अस्पताल और स्थानीय निकाय द्वारा अंतिम संस्कार करवाने के भी निर्देश हैं।
मृतक के अंतिम दर्शन का भी प्रोटोकॉल तय किया गया है। भावनाओं में बहकर शव को छूना, लिपटना, चूमना प्रतिबंधित रहेगा। अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा व्यक्ति नहीं होने चाहिए। अंतिम संस्कार के दौरान पीपीई किट, दस्ताने, मास्क, सामाजिक दूरी तथा अन्य प्रोटोकॉल की पूर्णतया पालना करना आवश्यक है।