जयपुर। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि शहरों के अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के दबाव को कम करने के लिए प्रदेश के सभी 350 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोरोना संक्रमितों के उपचार की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इन केंद्रों पर ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और अन्य जरूरी दवाओं की भी व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्थानीय स्तर ही उपचार मिल सके और उन्हें शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़े।
डॉ. शर्मा ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर क्षमता के अनुसार बैड्स को रिजर्व कर मरीज को भर्ती किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान काम आने वाली सभी दवाइयों की आपूर्ति सीएचसी को भेजी जा रही हैं। इसके अतिरिक्त ऑक्सीजन के सिलेंडर व रेमडेसिविर इंजेक्शन भी इन केंद्रों पर भेजे जा रहे हैं। सरकार का यह प्रयास है कि ग्रामीण मरीजों को समय पर इलाज मिले जिससे कि संक्रमण के प्रभाव को कम किया जा सके।
READ MORE: Coronavirus India: बीते 24 घंटे में आए 2.63 लाख नए केस, 4.22 लाख हो गए ठीक
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरे प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा संक्रमण को रोकने के लिए गांवों में व्यापक स्तर पर एंटीजन और आरटी पीसीआर टेस्ट की करवाए जा रहे हैं, ताकि समय रहते संक्रमण पर नियंत्रण किया जा सके।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि चिकित्सा विभाग द्वारा सभी विधानसभा क्षेत्रों में माइक लगी हुई मोबाइल वैन जा रही है। वैन के जरिए आईएलआई लक्षणों वाले ग्रामीणों का एंटीजन टेस्ट लिया जा रहा है। पॉजिटिव आने वाले ग्रामीणों को दवाओं की किट उपलब्ध करा उन्हें आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है व गंभीर को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है। नेगेटिव आने वालों का दोबारा आरटी पीसीआर टेस्ट द्वारा सैंपल लिया जा रहा है, जिसकी भी रिपोर्ट एक-दो दिन में भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से गांवों में संक्रमितों की पहचान जल्द हो सकेगी।
चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि एक्सपर्ट सितंबर माह तक कोरोना की तीसरी लहर का अनुमान व्यक्त कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर से बच्चे सबसे अधिक संक्रमित होंगे। इसको देखते विभाग ने तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जितने भी नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट, एसएनसीयू व बच्चों के अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने की तैयारी हैं। इसके अलावा अन्य जरूरी सुविधाओं के लिए विभाग पूरी तत्परता से जुटा हुआ है।