कोरोना की तीसरी लहर: आशंका को देखते हुए आवश्यक तैयारियां

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए बच्चों के चिकित्सा संस्थानों सहित अन्य राजकीय चिकित्सा संस्थानों के आधारभूत ढांचे को भी मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।
डॉ. शर्मा बुधवार को अपने राजकीय आवास से विभागीय अधिकारियों से साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से कोरोना की रोकथाम एवं उपचार के संबंध में विस्तार से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कोरोना व ब्लैक फंगस के उपचार की सुविधाओं, डोर टू डोर सर्वे कार्य की तथा एक्टिव सर्विलांस की समीक्षा करने के साथ ही आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
डॉ. शर्मा ने शहर के कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों की स्थिति के बारे में समीक्षा की। बताया गया कि आरयूएचएस में 569 कोरोना रोगी भर्ती हैं। उन्होंने तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए इस अस्पताल में 100 आईसीयू बेड बढ़ाने की कार्यवाही के निर्देश दिए। एसएमएस अस्पताल में कोविड डेडिकेटेड 900 में 444 बैड पर कोविड मरीज उपचार ले रहे हैं और ऑक्सीजन पर्याप्त मात्र में उपलब्ध है। जयपुरिया अस्पताल में वर्तमान में 215 कोरोना मरीज भर्ती हैं और इनकी संख्या में कमी आ रही है। 

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चिकित्सा मंत्री ने एसएमएस अस्पताल में उपचार व्यवस्थाओं की जानकारी ली और आवश्यकतानुसार वेंटिलेटर की अतिरिक्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने जेकेलोन अस्पताल में बच्चों के उपचार के लिए अभी से ही व्यापक इंतजाम करने और आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में बच्चों के लिए आईसीयू व वेंटिलेटर बेड की समुचित व्यवस्था, नवजात के उपचार हेतु जनाना व महिला अस्पताल में नीकू बेड बढाकर 50-50 बेड करने और सभी महिला अस्पतालों व एमसीएच में भी नीकू बेड बढ़ाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। 
डॉ. शर्मा ने आयुर्वेद, होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सा विभाग द्वारा कोरोना की प्रथम लहर के दौरान किए गए उल्लेखनीय कायोर्ं को निरंतर जारी रखने पर बल दिया। उन्होंने बैठक में चिरंजीवी योजना से निजी अस्पतालों में कैशलेस निःशुल्क कोरोना उपचार पर सतर्कता से निगरानी रखने के निर्देश दिए। 
प्रमुख शासन सचिव गृह एवं जनसपंर्क अभय कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि प्रदेश में नीकू वार्ड के साथ पीकू बैड बढ़ाने की भी तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर जयपुर के जेके लॉन अस्पताल में 800 बेड का कोविड डेडिकेटेड के रूप में भी तैयार किया जा सकता है। जेके लॉन अस्पताल में 200 बैड का पीडियाट्रिक्स आईसीयू की तैयारी भी की जा रही है।

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 चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने प्रदेश में प्रदेश में स्थापित एमसीएच विंग की जानकारी देते हुए बताया कि तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए सभी अस्पतालों में आवश्यकतानुसार चिकित्साकर्मी नियोजित किए जाएंगे। 
वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के लगभग 800 मरीज उपचाररत हैं। इनके उपचार के लिए प्रतिदिन 2 हजार वायल की आवश्यकता है। अभी भी ब्लैक फंगस के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की मांग की तुलना में आपूर्ति कम है। चिकित्सा मंत्री ने वायल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास करने के निर्देश दिए।
बैठक में आयुर्वेद सचिव श्री सुरेश गुप्ता, आरएमएससीएल एमडी श्री आलोक रंजन, एमडी एनएचएम सुधीर शर्मा, राजस्थान एश्यारेंस एजेंसी की सीईओ श्रीमती अरुणा राजोरिया, जेकेलोन अधीक्षक डॉ. अरविंद शुक्ला, जयपुरिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनीत राणावत सहित जन स्वस्थ्य निदेशक डॉ.केके शर्मा व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।