कोर कमेटिया दायित्वों का निर्वहन आपसी समन्वय एवं सहयोग से करेंः कलेक्टर

कलेक्टर ने सभी उपखंड अधिकारियों को आदेशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
सवाई माधोपुर।
कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से उत्पन्न भीषण आपदा की स्थिति में बचाव एवं राहत कार्यो में अन्तर विभागीय समन्वय स्थापित करने के लिए उपखण्ड स्तर पर/ग्राम पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा विभिन्न स्तरों पर कोर गु्रप का गठन किया गया है। जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाडिया ने बताया कि गठित कोर कमेटियां दायित्वों का निर्वहन एवं अंतरविभागीय समन्वय एवं सहयोग के साथ कार्य करें।  उन्होंने बताया किः-
उपखण्ड स्तरीय कोर गु्रप:- उपखण्ड स्तरीय कोर गु्रप के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट/इंसीडेंट कमाण्डर अध्यक्ष, पुलिस उपाधीक्षक सदस्य, विकास अधिकारी पंचायत समिति संयोजक, तहसीलदार सह संयोजक, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सदस्य, अधिशाषी अभियंता (सा.नि.वि.) सदस्य, ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सहा. निदेशक कृषि/सहा.कृषि अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, आयुक्त नगर परिषद एवं सचिव कृषि उपज मण्डी को सम्पूर्ण उपखण्ड क्षेत्र के लिए उपखण्ड स्तरीय कोर गु्रप के सदस्य नियुक्त किया गया है।
एरिया वाईज कोर गु्रप (उपखण्ड/ग्रामीण क्षेत्र):- एरिया वाईज कोर गु्रप (उपखण्ड/ग्रामीण क्षेत्र) के लिए तहसीलदार एवं विकास अधिकारी सम्पूर्ण उपखण्ड क्षेत्र के 2 एरिया गु्रप में विभाजित।
एरिया वाईज कोर गु्रप (नगर परिषद क्षेत्र):- एरिया वाईज कोर गु्रप (नगर परिषद क्षेत्र) के लिए अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद सवाई माधोपुर (प्रभारी सम्पूर्ण नगर परिषद क्षेत्र सवाई माधोपुर), अधिशाषी अभियंता रूडिप सवाई माधोपुर एवं अधिशाषी अभियंता नगर विकास न्यास सवाई माधोपुर को वार्ड 1 से 22 व 23 से 45 तक के 2 एरिया ग्रुप में विभाजित। इसी प्रकार नगर परिषद गंगापुर के लिए अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता गंगापुर को शामिल किया गया है।
सेक्टरवाईज कोर गु्रप (उपखण्ड/ग्रामीण क्षेत्र):- सेक्टरवाईज कोर गु्रप (उपखण्ड/ग्रामीण क्षेत्र) में प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक स्तर का अधिकारी, पंचायत प्रसार अधिकारी एवं संबंधित क्षे का भू अभिलेख निरीक्षक को 5 से 6 पंचायतों को सम्मिलित करते हुए 1 सेक्टर गु्रप का निर्धारण।
नगर परिषद वार्ड वाईज कोर गु्रप:- नगर परिषद वार्ड वाईज कोर गु्रप में क्षेत्र से संबंधित दो व्याख्याता (न.प.क्षेत्र में पदस्थापित स्थानीय निवासरत) एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहयोगिनी को 2 से 3 वार्डो को सम्मिलित करते हुए 1 वार्ड गु्रप का निर्धारण।
ग्राम पंचायत स्तरीय कोर गु्रप:- ग्राम पंचायत स्तरीय कोर गु्रप में पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी अध्यक्ष, सरपंच सह अध्यक्ष (विशेष आमंत्रित), ग्राम विकास अधिकारी संयोजक, पटवारी सह संयोजक, ए.एन.एम. सदस्य, कृषि पर्यवेक्षक सदस्य एवं महिला पर्यवेक्षक/आंगनबाडी कार्यकर्ता सदस्य को सम्पूर्ण ग्राम पंचायत क्षेत्र में।
ग्राम स्तरीय कोर गु्रप:- ग्राम स्तरीय कोर गु्रप ़क्षेत्र से संबंधित 1 वरिष्ठ अध्यापक व 2 अध्यापक, आंगनबाडी कार्यकर्ता/सहयोगिनी, वार्ड पंच/उप सरपंच (विशेष आमंत्रित सदस्य) एवं उचित मूल्य दुकानदार को सम्पूर्ण राजस्व ग्राम क्षेत्र के लिए।
बूथ स्तरीय कोर ग्रुप:- बूथ स्तरीय कोर ग्रुप में संबंधित बूथ लेवल अधिकारी, अध्यापक, वार्ड पंच एवं उचित मूल्य दुकानदार को सम्पूर्ण बूथ क्षेत्र के लिए।
कोर गु्रप द्वारा सम्पादित किये जाने वाले दायित्व:- जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए है कि समस्त कोर गु्रप द्वारा उपखण्ड मजिस्ट्रेट/इंसीडेंट कमाण्डर को उसे सौंपे गये दायित्वों के निवर्हन में सहयोग प्रदान किया जायेगा। क्षेत्र में धारा 144 सीआरपीसी व लॉकडाउन की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करवाना तथा उल्लंघन पाये जाने पर तत्काल उच्चस्तरीय कोर ग्रुप को अवगत कराना। स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, दानदाताओं तथा स्वंय सेवी संगठनों आदि से समन्वय एवं सामन्जस्य स्थापित करते हुए आर्थिक सहयोग प्राप्त करना तथा इसके साथ-साथ जरूरतमंदों को भोजन, मास्क, सेनेटाईजर एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाना एवं क्षेत्र में कोविड संक्रमण के बचाव एवं उपायों की मॉनिटरिंग करने के संबंध में कार्य करना। क्षेत्र में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की गाईड लाईन के अनुरूप सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित की जायेगी। क्षेत्र में असहाय, निराश्रित व जरूरतमंद व्यक्तियों तक भामाशाहो, स्वयंसेवी संस्थाओं, एनजीओ, धार्मिक एवं सामाजिक ट्रस्टो, व्यापारियों, उद्योगपतियों, सम्पन्न व्यक्तियों एवं राज्य सरकार के माध्यम से वितरित करवाये जा रही सूखी राशन सामग्री/तैयार भोजन पेकेट का संसाधनों के जरिये होम डिलीवरी के माध्यम से घर-घर तक वितरण करवाया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि उपखण्ड स्तर पर सूखी राशन सामग्री एवं तैयार भोजन पेकेट, बारदाना एवं अन्य कोई भी सामग्री क्रय करने के लिए उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ही अधिकृत है। इस कमेटी में तहसीलदार/विकास अधिकारी/मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी/उप कोषाधिकारी/सहा0 लेखाधिकारी सदस्य है। जिला मुख्यालय पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। जिसमें राजस्व अपील अधिकारी/जिला रसद अधिकारी/कोषाधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी जिला मुख्यालय सदस्य होंगे।
जिन पात्र परिवारों को सूखी राशन सामग्री/भोजन पेकेट उपलब्ध कराया जायेगा, उनका नाम, पिता का नाम, पूर्ण पता, मोबाईल नम्बर, फोटो पहचान पत्र, आधार कार्ड का नम्बर, परिवार के सदस्यों की संख्या एवं मुखिया के हस्ताक्षर लेकर उनका रिकार्ड संधारण किया जायेगा। आमजन को दूध, राशन सामग्री, फल, सब्जी, दवाई व अन्य आवश्यक सामग्री की निर्बाध आपूर्ति के लिए दुकानों से होम डिलीवरी की व्यवस्था करवायी जाये ताकि आम लोग कम से कम घरों से बाहर निकले। यदि कोई पॉजिटिव केस सामने आता है तो उस स्थिति में भी होम डिलीवरी के माध्यम से आमजन को दूध, राशन सामग्री, फल, सब्जी, दवाई व अन्य आवश्यक सामग्री की निर्बाध आपूर्ति करावें। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत प्राप्त राशन सामग्री का उचित मूल्य दुकानदार द्वारा होम डिलीवरी के माध्यम से उपभोक्ता को उसके घर पर वितरण किया जायेगा। उचित मूल्य दुकानदार द्वारा होम डिलीवरी की जाने वाली सामग्री का वितरण ग्राम पंचायत स्तरीय कमेटी, ग्राम व बूथ स्तरीय कमेटी आदि के पर्यवेक्षण एवं निगरानी में किया जाये। इसके लिए उचित मूल्य दुकानदार अपने संसाधनों के माध्यम से वितरण करवाना सुनिश्चित करेंगे। किसी कारणवश यह संभव नही हो तो उक्त ग्राम विकास अधिकारी द्वारा संसाधन उपलब्ध कराये जाकर राशन सामग्री का घर-घर वितरण की व्यवस्था की जायेगी। फिर भी यदि संसाधनों की व्यवस्था नही होती है तो सर्वप्रथम उपखण्ड अधिकारी द्वारा संबंधित ग्राम विकास अधिकारी की अनुशासानात्मक कार्यवाही करेंगे एवं राशन सामग्री के वितरण के लिए ग्राम स्तर पर ही परिवहन की व्यवस्था हेतु वाहन अधिग्रहण कर राशन सामग्री का वितरण करवायेंगे। खाद्य विभाग के आदेश अनुसार इस कार्य के लिये राशन सामग्री के घर-घर वितरण के लिए नरेगा के तहत नियोजित किये 5 से 10 श्रमिकों से कार्य करवाया जा सकता है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि अन्य जिलों व राज्य की लगती हुई जिले की सीमाओं को सुरक्षा की दृष्टि से सील किया हुआ है, इस संबंध में उक्त सील्ड सीमाओं पर स्थित चैक पोस्टों की नियमित मॉनिटरिंग की जाये तथा अनाधिकृत चलने वाले वाहनांे के विरूद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। आवश्यकता होने पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्यवाही की जावे।
कोई व्यक्ति अन्य जिलों से सवाई माधोपुर में आ रहे है तो उन पर विशेष निगरानी रखी जाये तथा उनका सर्वप्रथम चिकित्सकीय परीक्षण करवाया जाये। यदि कोई व्यक्ति सिमटोमेटिक पाया जाता है तो उसे मेडिकल गाईडलाईन के अनुसार निश्चित समयावधि तक होम/संस्थागत क्वारंटाईन में रखा जायें।
कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए है कि केन्द्र सरकार के द्वारा लॉकडाउन की अवधि 3 मई 2020 तक बढाई जाने के कारण जिन लोगो को पास जारी किये हुए है उन्हें पास को वापस रिन्यूअल करवाने की आवश्यकता नही ह,ै पूर्व में जारी पास ही लॉकडाउन की अवधि के लिए मान्य होंगे।
समस्त उपखण्ड स्तरीय कोर ग्रुप यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके क्षेत्रों से जिन लोगांे को सेम्पल के लिए जिला स्तर पर भिजवाये जाते है उनको सेम्पल के पश्चात चिकित्सकीय अभिरक्षा में रखा जाता है। जिला अस्पताल में सीमित संख्या में बेडो की उपलब्धता को देखते हुए और नये सैम्पल करवाये जाने की आवश्यकता को मध्यनजर रखते हुए इन्हे सेम्पल लेने के पश्चात मास्क, सेनेटाईजर, साबुन आदि संबंधित उपखण्ड क्षेत्रों में चिन्हित किये गये क्वारंटाईन सेन्टरों में निश्चित समयावधि में भिजवाये जाये तथा वहां इनकी भोजन, पेयजल एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें।
लॉकडाउन के दौरान जिले में बाहर के जिलों एवं राज्यों से आये हुए मजदूरों, कामगारो एवं अन्य व्यक्तियों को शेल्टर होम में ठहराया गया है। शेल्टर होम में इनको पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था दी जाये तथा नियमित रूप से उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाये। उक्त कोर गु्रप यह भी परीक्षण करेंगे कि शेल्टर होम में ठहराये गये व्यक्तियों को भोजन, पेयजल, मास्क, सेनेटाईजर, साबुन उपलब्ध कराया जाये तथा साथ ही उनके द्वारा सोशियल डिस्टेंसिंग की पालना करवायी जायें। जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के घरवालों तथा संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आये व्यक्तियों को तत्काल चिन्हित कर उनकी सूचना प्रशासन को देने तथा उनको संस्थागत क्वारंटाईन  में भर्ती करवाये जाने व उनकी निगरानी रखी जाये।
बाहर से आने वाले खांसी, जुकाम, बुखार वाले लोगो का चिकित्सकीय परीक्षण करवाया जाये तथा यदि वे संदिग्ध पाये जाते है तो उनका सेम्पल लेना तथा मेडिकल प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यवाही करने के साथ ही किसी भी गंभीर स्थिति में उच्चाधिकारियों को अवगत कराने का कार्य किया जाए। कोविड-19 की रोकथाम के लिए रूटचार्ट बनाकर व्यापक स्तर पर दिये गये वाहनों के पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से प्रचार-प्रसार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। समस्त कोर ग्रुप अपने-अपने सदस्यों को एक व्हाट्सएप गु्रप तैयार कर नियमित रूप से इसका संचालन करेंगे तथा उस गु्रप को सौंपे गये दायित्वों की नियमित मॉनिटरिंग करेंगे। राज्य सरकार के निर्देशों की पालना में उच्चाधिकारियों/जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा दिये गये निर्देशों/संदेशों की तत्काल प्रभावी पालना करने में कोर ग्रुप के द्वारा गठित व्हाट्सएप गु्रप एक प्रभारी भूमिका अदा कर सकते हैं। उक्त निर्देशों को अपने कोर ग्रुप के व्हाट्सएप  गु्रप पर साझा करेंगे। ताकि तत्काल सूचना प्राप्त कर निर्देशों की पालना की जा सकें। इसके अलावा उक्त कोर गु्रप द्वारा समय-समय पर राज्य सरकार/जिलास्तर से जारी अधतन दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जायेगी।
कलेक्टर ने समस्त उपखण्ड अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे कोविड-19 के संक्रमण से उत्पन्न आपात स्थिति की प्रभावी रोकथाम के लिए उपरोक्तानुसार गठित कोर गु्रप के माध्यम से प्रभावी प्रयास करें तथा साथ ही इन कोर ग्रुपों के माध्यम से क्वारंटाईन सेन्टर/शेल्टर होम पर समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करवायेंगे। उपखण्ड अधिकारी उक्तानुसार कोर गु्रप के पृथक-पृथक आदेश जारी कर उनके उत्तरदायित्वों का निर्धारण करेंगे। सभी उपखण्ड अधिकारी उनको विहित इंसीडेंट कमाण्डर के दायित्वों के सम्यक निवर्हन में उक्त कोर गु्रपों का सक्रिय सहयोग लिया जाना सुनिश्चित करेंगे। उक्तानुसार गठित कोर गु्रप द्वारा दिये गये आदेशों की अक्षरशः पालना नही किये जाने तथा इंसीडेंट कमाण्डर द्वारा दिये गये निर्देशों की पालना नही किये जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 एवं एपिडेमिक एक्ट 1957 की धारा 3 के तहत तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 व 56 के तहत अनुशासनात्मक/कानूनी/दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।