राजस्थान में हर साल रिटायर होने वाले करीब 25 हजार लोगों के लिए अच्छी खबर

ई-पेन्शन तथा ई-लेखा प्रणाली का शुभारम्भ 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को ई-पेन्शन तथा ई-लेखा प्रणाली का शुभारंभ किया। प्रदेश में हर साल रिटायर होने वाले करीब 25 हजार लोगों को अब 40 पेज का जटिल फॉर्म नहीं भरना पड़ेगा। सिर्फ 15 मिनट में ऑनलाइन आवेदन हो जाएगा। गहलोत ने कहा कि इससे कार्मिकों को चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। समय भी बचेगा। शासन सचिव वित्त (बजट) टी रविकान्त ने बताया कि नई प्रणालियों से सरकार को 80 करोड़ रु. की स्टेशनरी, कार्मिकों के टीए-डीए भत्ते एवं प्रिंटिंग लागत की बचत होगी। साथ ही, कार्मिकों के वेतन, मेडिकल, यात्रा आदि बिलों, संवेदकों के भुगतान सहित अन्य लेखा कार्याें में सुगमता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की चुनौती के बावजूद राज्य सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन करते हुए विकास परियोजनाओं को गति दी है। उन्होंने वित्त विभाग के अधिकारियों से कहा कि वित्तीय प्रबंधन को लगातार मजबूत बनाया जाए। ऐसे प्रयास किए जाएं जिससे ऑवरड्राफ्ट की स्थिति पैदा ना हो।मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि ई-पेंशन एवं ई-लेखा सिस्टम पेपरलैस गवर्नेन्स की दिशा में बड़ा कदम है। इससे कामकाज में पारदर्शिता आने के साथ ही सरकारी भुगतान सिस्टम में सुधार होगा। ई-पेंशन से सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को अपनी पेंशन स्वीकृति के लिए 40 पृष्ठों का जटिल प्रपत्र नहीं भरना होगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य ने कहा कि ई-पेंशन प्रणाली से हर वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले 25 हजार से अधिक कार्मिकों को अपना पेंशन आवेदन पत्र भरने में 15 मिनट से भी कम समय लगेगा। शासन सचिव वित्त (बजट) टी रविकान्त ने बताया कि इन दो नई प्रणालियों से राज्य सरकार को 80 करोड़ रुपए की स्टेशनरी, कार्मिकों के टीए-डीए भत्ते एवं प्रिन्टिंग लागत की बचत होगी। ई-लेखा के प्रारम्भ होने से बिलों एवं दस्तावेजों को भौतिक रूप से ट्रेजरी एवं महालेखाकार कार्यालय भेजे जाने की जरूरत नहीं होगी।

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