जिले के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर जबरसिंह राजपूत मणिहारी समेत उसके तीन अन्य साथियों पर बुधवार सुबह 7.30 बजे जीप में सवार हाेकर पहुंचे 7 से 8 अज्ञात लाेगाें ने पिस्टलाें-बंदूकाें से ताबड़ताेड़ फायरिंग कर दी। अप्रत्याशित रूप से हुए हमले में जबरसिंह व उसके साथियों ने जीप के नीचे घुसकर जान बचाई। आराेपियाें ने 20 से अधिक राउंड फायर किए। इससे चाराें के पैराें में छर्रे धंस गए। माैके पर 10 से अधिक कारतूसों के खाेल मिले हैं। घटना के बाद आराेपियाें ने भागते वक्त अन्य वाहन से आ रहे एक क्रेशर मालिक पर भी जबरसिंह के साथी हाेने की आशंका के चलते फायर किया। घटना से पूरे इलाके में दहशत फैल गई। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस दल माैके पर पहुंचा।
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घायलों काे बांगड़ अस्पताल में उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। पुलिस ने आराेपियाें काे पकड़ने के लिए पाली, जालाेर, सिराेही, बाड़मेर समेत अन्य जिलाें में नाकाबंदी कराई, मगर सुराग नहीं लग पाया। मणिहारी समेत आसपास के गांवों में अशांति फैलने के अंदेशे के चलते पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है।
गुड़ा एंदला थाना प्रभारी बिहारीलाल ने बताया कि मणिहारी निवासी जबरसिंह पुत्र जयसिंह राजपूत का क्रेशर मणिहारी क्षेत्र में ही स्थित है। वह अपनी जीप से बुधवार सुबह सुरेंद्रसिंह, पर्वतसिंह तथा गाेरधनसिंह के साथ क्रेशर पर जाने के लिए रवाना हुआ था। क्रेशर से 6 से 7 किमी दूर ही देवनाडा के समीप आराेपियाें ने पहले ही रास्ता राेकने की नीयत से राेड पर पत्थर डालकर रास्ते काे अवरुद्ध कर रखा था।
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वहां पर पहुंचते ही पहले से ही घात लगाकर बैठे आराेपियाें ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। घटना के बाद आराेपी अपनी जीप से फरार हाे गए। जबरसिंह का कहना है कि आराेपी सफेद रंग की जीप में सवार हाेकर आए थे। गाड़ी का नंबर भी वह मात्र आरजे-22 ही देख पाया। थाना प्रभारी बिहारी लाल ने बताया कि जबरसिंह की रिपाेर्ट पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। आराेपियाें काे पकड़ने के लिए तीन विशेष टीमाें का गठन किया है।
पुलिस अब तक जांच में यह कर चुकी, सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे
1. पाली से दयालपुरा तक 500 से अधिक मोबाइल नंबराें की ट्रेसिंग
2. पाली से मणिहारी तक लगे मोबाइल टाॅवराें से घटनास्थल की लाेकेशन
3. मुखबिरों से पता लगाने का प्रयास कि पिछले दिनाें किसी से बहस हुई
4. आसपास के इलाकों में 20 से अधिक स्थानाें पर लगे सीसीटीवी फुटेज
5. फुटेज में 12 से अधिक सफेद जीप, लेकिन आराेपियाें के हुलिए का मिलान नहीं
इन 4 बिंदुओं पर ही पुलिस का शक, इससे ही मिलेगा ठाेस सुराग
1. किसी बाहरी गैंग काे बुलाकर जान से मारने का प्रयास
2. पूर्व में भी जबरसिंह पर हुए हमले के आराेपियाें की लाेकेशन
3. गांव की राजनीति में विरोधियों का भी षड्यंत्र हाेने की आशंका
4. अपराध जगत के लाेगाें से आपसी रंजिश के कारण बदले की कार्रवाई
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पुलिस रिकॉर्ड में ऐसा काेई अपराध नहीं, जाे जबरसिंह ने नहीं किया, खुद पर 78 मुकदमे
जबरसिंह काे पाली जिला पुलिस ने हार्डकोर व कुख्यात अपराधी की श्रेणी में चिह्नित कर रखा है। उसके खिलाफ हत्या, अपहरण, शराब तस्करी, आर्म्स एक्ट, दुष्कर्म समेत कुल 78 मुकदमे दर्ज हैं। पांच साल पहले उस पर स्थानीय लाेगाें ने बेंगलुरु से युवक काे बुलाकर जान से मारने की नीयत से फायरिंग करवाई थी