आध्यात्म से होता है मनुष्य का विकास- डॉ. सरिता बंसल

गंगापुर सिटी। ध्वजारोहण करती ब्रह्मकुमारी की सेविकाएं।

गंगापुर सिटी। प्रजापिता प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से महाशिवरात्रि के शुभ पावन पर्व पर शुभलक्ष्मी मील पर गीता पाठशाला पर परमपिता परमात्मा शिव पिता का ध्वजारोहण बड़ी ही धूमधाम से आयोजित किया गया। जिसमें गंगापुर सिटी की ब्रह्मकुमारी सुमित्रा दीदी ने विधिवत शिव पिता का झंडा फहराया और सभी ईश्वरीय परिवार ने मिलकर सच्ची महाशिवरात्रि का जश्न मनाया। उसके बाद अध्यात्म के मार्ग पर चल रहे सभी भाइयों-बहनों ने अपने-अपने अनुभवों को बताया कि हम बहुत खुश हैं। आध्यत्मिक मार्ग पर चलकर कई समस्याओं के समाधान स्वत: ही सॉल्व हो जाते हैं, क्योंकि शिव की अपार शक्ति जो मिलती है। आज गंगापुर क्षेत्र के अंदर करीब 1000 परिवार ईश्वरीय विश्वविद्यालय में आकर अपने जीवन को खुशनुमा बना रहे हैं। गायत्री बहन ने बताया कि शिव पिता के ऊपर जो हम सभी आक, धतूरा चढ़ाते हैं उसकी जगह पर हम सभी जो इंसान के अंदर आज रावण रूपी भूत बैठा हुआ है ,जैसे क्रोध, ईष्र्या, अपमान करना, असंतुष्टता, चीटिंग कर जल्दी अरबपति के ख्वाब देखना, लोगों का अहंकार जैसे विकार दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। आज हर व्यक्ति सबसे अधिक अपने क्रोध से परेशान है, जो कि वह कंट्रोल नहीं कर पा रहा। जबकि उसका रिमोट कंट्रोल हमारे ही पास है। उस स्थिति में हम आध्यात्मिक ज्ञान के द्वारा उस पर कंट्रोल कर सकते हैं, यह बिल्कुल सत्य है।
आध्यात्मिक क्लास के दौरान बताया गया कि जो आज धर्म जाति के भेदभाव के कारण जो लड़ाईयां उत्पन्न हो रही है हम सभी भूल रहे हैं कि हम सबका भगवान एक ही है। मुस्लिम कहते हैं अल्लाह एक नूर है। जीसस क्राइस्ट कहते हैं गॉड इज लाइट। महात्मा बुद्ध का इशारा भी ऊपर की ही और है। सांई बाबा ने कहा सबका मालिक एक है। गुरु नानक साहब ने कहा एक ओंकार यही सत्यम् शिवम् सुंदरम्। हम सभी धर्म को देखें तो भगवान एक ही है, सबका इशारा ऊपर की और ही है। भगवान एक ज्योति स्वरूप है। हर धर्म के व्यक्ति के अंदर कहीं ना कहीं दया की भावना जरूर होती है क्योंकि वह शरीर में विराजमान आत्मा की क्वालिटी है। सुख, शांति, पवित्रता, प्रेम, आंनद, सन्तुष्टता, सहनशीलता तभी हम भगवान से अपनी अजान व प्रार्थनाएं में मांगते हैं, क्योंकि वह आत्मा का स्वरूप है।
आज आध्यात्मिकता के द्वारा पूरे भारत देश के अंदर करीब 10,00000 परिवार आध्यात्म के मार्ग पर चलकर अत्यधिक खुशी का अनुभव कर रहे हैं ओर जीवन को जीने की कला सीख रहे हैं। आज हम देख सकते हैं कि चारों और कैसा माहौल है? तलाक का प्रतिशत दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। बड़े-बड़े अधिकारी, ऑफिसर्स, बड़े-बड़े नेता, डॉक्टर्स का सुपर पॉवरफुल वक्त होने के बावजूद भी आत्महत्या कर रहे हैं। उसका प्रमुख कारण है कि उनका वक्त बहुत अच्छा है पर ज्ञान नहीं है। जब व्यक्ति के अंदर इसकी समावेशता हो जाती है तो हमारा जीवन बहुत सुंदर लगने लगता है। हम अपनी जिंदगी में तूफान आने पर राजयोग सीखकर उसे तोहफा समझ कर हल कर डालते हैं। शुभ विचारों का प्रवाह ध्यान का पहला कदम ही हमारे जीवन को सहज सुंदर, सहज सकारात्मक विचारों से और सरलता से जीना सीखा देता है।
डॉ. सरिता बंसल ने बताया कि संसार के अंदर चित्रों की नहीं चरित्रों की पूजा की जाती है, जो व्यक्ति चरित्रवान, ज्ञानवान व श्रेष्ठ शुभ संकल्प वाला होता है। जो हमेशा दूसरों को सम्मान देता है, प्यार देता है, खुशी देता है, उस व्यक्ति के साथ परमात्मा हमेशा रहकर बहुत सफल व सम्मान भी देते हैं। आज पूरे विश्व में हर जगह कई राजयोगा सेंटर खुले हुए हैं। मोबाइल व टीवी के माध्यम भी उन सभी चैनल्स को देख सकते हैं और 7 दिन का कोर्स करके आप सभी आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। महाशिवरात्रि के शुभ पावन पर्व पर सभी ने एक-दूसरे को ढेरों बधाई दी। अंत मे सभी ने ब्रह्मा भोग ग्रहण किया और आध्यात्मिक भजनों के साथ सभी ने आनन्द किया। महाशिवरात्रि के शुभ पर्व पर इस कार्यकक्रम के दौरान सैकड़ों भाई-बहन उपस्थित रहे।