Creative Agriculture Academy की पहल: एम. एस. स्वामीनाथन के नाम से कृषि कॉर्नर स्थापित

गंगापुरसिटी। एग्रीकल्चर के क्षेत्र में विद्यार्थियों के सुनहरे भविष्य को देखते हुए क्रिएटिव ब्लिक स्कूल की ओर से संचालित क्रिएटिव एग्रीकल्चर एकेडमी में सोमवार को भारत की हरित क्रांति के जनक ‘पद्य श्री’, ‘पद्य भूषण’ व ‘पद्य विभूषण’ से सम्मानित देश के महान कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन के नाम से कृषि कॉर्नर की स्थापना कर उन्हे श्रद्धांजलि दी गई। क्रिएटिव पब्लिक स्कूल के प्रशासनिक निदेशक महेंद्र शर्मा ने बताया कि इस मौके पर स्व.मूलचन्द मीना कृषि कॉलेज लालसोट के असिस्टेंट प्रोफेसर व मुख्य अतिथि डॉ. सागर कुमार शर्मा ने कृषि कॉर्नर में कृषि शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों के साथ पौधरोपण कर कृषि कॉर्नर का उदघाटन किया। समारोह की अध्यक्षता क्रिएटिव गल्र्स कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रविबाला गोयल ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. सागर कुमार शर्मा ने देश के महान कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामिनाथन के नाम से कृषि कॉर्नर स्थापित करने पर क्रिएटिव एग्रीकल्चर एकेडमी की सराहना करते हुए कहा कि कृषि शिक्षा के सभी विद्यार्थियों को इस कृषि कॉर्नर के माध्यम से प्रायोगिक कार्य करने में और कृषि शिक्षा के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने विद्यार्थियों को कृषि शिक्षा के स्वर्णिम भविष्य के बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय में कृषि केवल पारम्परिक किसानों के लिए ही नहीं है बल्कि इस क्षेत्र में आजकल युवा भी अपना कैरियर बना रहे हैं।

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इस क्षेत्र में रोजगार के लिए नए व आधुनिक तरीके से फसलों की खेती करके कृषि उत्पादों की मार्केटिंग करके भी युवा अपना बेहतर भविष्य बना रहे है। कृषि शिक्षा में बीएससी, एमएससी एवं पीएचडी की विस्तार से जानकारी देते हुए मुख्य अतिथि ने इससे सम्बन्धित विभिन्न प्रतियोगिताओं जेईटी, आईसीएआर एवं बीएचयू आदि के बारे मे भी विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए सफलता के टिप्स शेयर किए। प्रशासनिक निदेशक महेंद्र शर्मा ने कृषि शिक्षा के भविष्य को बेहतर बताते हुए कहा कि कृषि देश के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है और देश भर में रोजगार का एक अच्छा स्रोत है। एग्रीकल्चर फील्ड में प्रोफेशनली कदम रखने के लिए विद्यार्थियों को इस क्षेत्र से संबंधित कोर्स करना होगा। इस क्षेत्र में सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर डिप्लोमा, बैचलर व मास्टर कोर्स कर सकते हैं। इतना ही नहीं, एग्रीकल्चर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि विज्ञान, बागवानी, फ्लोरीकल्चर, कृषि अर्थशास्त्र, फॉरेस्टी, एग्रीकल्चर जेनेटिक्स, हीड्रोपोनिक्स, वीड साइंस, कृषि एंटोमोलॉजी, कृषि माइक्रोबायोलॉजी, सॉइल साइंस और कृषि रसायन आदि में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं। प्रशासनिक निदेशक शर्मा ने बताया कि इस क्षेत्र में बैचलर कोर्स में दाखिला लेने के लिए छात्रों को जीव विज्ञान, गणित और भौतिकी विषयों के साथ 12वीं में पास होना अनिवार्य है। क्रिएटिव गल्र्स कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रविबाला गोयल ने कहा कि वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार भी कृषि शिक्षा को बहुत अधिक महत्व देकर कृषि विद्यालयों व महाविद्यालयों की स्थापना कर रही है, जिसमें कृषि शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को ही शिक्षक व प्रोफेसर पद पर नियुक्ति दी जाएगी। उन्होंने कृषि शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को बागवानी, दूध डेयरी, मधु मक्खी पालन आदि व्यवसायों के बारे मे जानकारी प्रदान की।