30 जनवरी 1948 को गांधीजी की हत्या के बाद पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने रेडियो पर अपने संबोधित में कहा था कि राष्ट्रपिता अब नहीं रहे। साल 1948 में आज ही के दिन महात्मा गांधी को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। यही कारण है कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस केरूपे में याद किया जाता है। इस दिन महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर में कई सभाओं का आयोजन किया जाता है।
राष्ट्रपति से लेकर पीएम सहित देश के लोग गांधीजी की समाधि पर 30 जनवरी को पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। महात्मा गांधी ने 13 जनवरी 1948 को हिंदू-मुस्लिम एकता को लेकर कलकत्ता में आमरण अनशन शुरू किया था। ये उनके जीवन का अंतिम अनशन बताया जाता है। 18 जनवरी 1948 को अपना अनशन खत्म करने के ठीक 11 दिन बाद महात्मा गांधी जी की हत्या कर दी गई। गांधी जी की हत्या वाले दिन 30 जनवरी 1948 को हमेशा की तरह महात्मा गांधी तड़के साढ़े तीन बजे उठे थे। इसके बाद उन्होंने प्रार्थना की और दो घंटे काम कर फिर सो गए। 8 बजे वो दोबारा जगे और दिनचर्या के बाद शुरू की। दिन ढलता गया और शाम के चार बजे वल्लभ भाई पटेल गांधी जी से मिलने उनके घर पहुंचे। इसके बाद नाथू राम गोड़से ने महात्मा गांधी को गाली मार कर मौत के घाट उतार दिया।
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