राजस्थान में मकर संक्रांति का त्यौहार बडे ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। कोरोनाकाल के बाद यह पहला त्यौहार है जिसे लोग बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं।
इस पर्व के बीच कुछ हादसे भी हो रहे हैं। पतंगबाजी के उल्लास के बीच कोटा में एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यहां एक 14 वर्षीय बालक की पतंग लूटते समय मौत हो गई। वह पतंग लूटते आकाश की ओर देखता रहा। आंखों से पतंग को निशाना बनाकर उसके पीछे-पीछे वह आगे दौड़ता रहा और रेलवे लाइन पर पहुंच गया। यहां पटरी पर दौड़ते इंजन से वह जा टकराया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक कोटा के महात्मा गांधी कॉलोनी का रहने वाला है। जो दिल्ली-मुंबई रेल लाइन से गुजर रही ट्रेन से टकरा गया। पटरी के पास ही 300 फीट पर ही मकान बने हैं, जिनमें से एक मकान से यह बालक पतंग लूटने निकला था।
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झुंझुनूं में एक 70 वर्षीय महिला का मांझे से पैर कट गया, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया। महिला का नाम मोहिनी बताया जा रहा है। जिनका बेटा उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचा। सीकर में भी मांझे से 13 लोग गंभीर घायल हो चुके हैं। यह सभी सरकारी अस्पताल पहुंचे हैं। राजधानी जयपुर में पतंगबाजी के बीच निगेटिव खबर भी सामने आई है जिनमें अब तक चार लोग अपना चेहरा पतंग के डोर से कटवा चुके हैं। कोई दुपहिया वाहनों पर थे तो कोई सड़क पर पैदल ही थे। एकदम खिंचते डोर से चेहरे के अलग.अलग हिस्सों पर कट लग गए। अस्पताल में इनका इलाज किया गया है।