मण्डी बंद: दलहन स्टॉक सीमा को प्रदेश में नहीं करें लागू, व्यापार मंडल ने सीएम को भेजा ज्ञापन

गंगापुरसिटी. केन्द्र सरकार की ओर से दलहन पर लगाई गई स्टॉक सीमा को लागू नहीं करने की मांग को लेकर व्यापार मंडल पदाधिकारियों ने बुधवार को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। उपखंड अधिकारी के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन में व्यापार मंडल अध्यक्ष गोविन्द गुप्ता, महामंत्री सुनील खूंटामार, प्रहलाद मेठी, कमलेश आदि ने बताया है कि 2 जुलाई को अध्यादेश जारी कर दालों पर स्टॉक सीमा संधारित की गई है। दाल मिलों के लिए 3 माह के उत्पादन अथवा वार्षिक संस्थापित क्षमता का 25 प्रतिशत, इनमें से जो भी अधिक हो मिला कर स्टॉक रख सकेगा। थोक विके्रता की तरह आयातकों पर भी निर्धारित स्टॉक सीमा लागू होगी। आयातकों के लिए 15 मई से पहले के स्टॉक पर लागू होगा। 15 मई के बाद के स्टॉक पर सीमा शुल्क मंजूर की तारीख से 45 दिन बाद लागू होगी। निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक रहने पर उसे 30 दिन में स्टॉक सीमा में आना होगा। इसे उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल अधतन किया जाएगा। इससे व्यापारियों व उद्योगपतियों में रोष व्याप्त है।
अध्यक्ष गुप्ता ने बताया कि राजस्थान वैसे ही दालों में सरप्लस है। यहां करीब 28 लाख टन चना, करीब 15 लाख टन मंूग, 1 लाख टन उड़द, 3 से 5 लाख टन मोठ आदि पैदा होती है। जिनकी राजस्थान में केबल 25 प्रतिशत खपत है। शेष 75 प्रतिशत सरप्लस है। इसके बावजूद केन्द्र सरकार भावों की बात करती हैं। सभी दालें समर्थन मूल्य से नीचे बिक रही हैं। ज्ञापन में बताया गया है कि मौजूदा स्टॉक को सीमा में लाने के लिए 30 दिन में निस्तारण करना हैं। इससे व्यापारी बड़े घाटे में आ जाएगा। केन्द्र द्वारा स्टॉक निर्धारण किए जाने के बाद व्यापार में अफरा-तफरी मच गई हैं। इसका किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा। अभरी किसानों के पास चने की काफी फसल बाकी है। मंडियों में खरीदार गायब हो गए हैं। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि जिस प्रकार केन्द्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को राज्य में लागू होने नहीं दिया गया, उसी प्रकार केन्द्र सरकार की ओर से लागू की गई दलहन स्टॉक सीमा को प्रदेश हित में लागू नहीं होने देंगे। अध्यक्ष गुप्ता ने बताया कि दलहन स्टॉक सीमा के विरोध में बुधवार को दूसरे दिन भी मंडी में कारोबार बंद रहा।