टैक्सपेयर्स को मोदी की बड़ी सौगात: लाँच हुई ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन व्यवस्था, जुगाड़-सिफारिश का चक्कर खत्म

ईमानदार टैक्सपेयर्स को ईनाम, किए बडे एलान
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश के ईमानदार करदाताओं के लिए नया प्लेटफॉर्म ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन, ऑनरिंग द ऑनेस्ट (पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान) लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि इसमें 3 बड़े रिफॉर्म- फेसलेस एसेसमेंट, टैक्सपेयर चार्टर और फेसलेस अपील शामिल हैं। पहले दो 13 अगस्त से लागू हो गए हैं, जबकि फेसलेस अपील की व्यवस्था 25 सितंबर यानी दीनदयाल उपाध्याय जन्मदिवस से लागू हो जाएगी।
सोच और अप्रोच दोनों में बदलाव आया
पीएम मोदी ने कहा कि देश में चल रहा संरचनात्मक सुधार का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन, ऑनरिंग द ऑनेस्ट, 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है। इस प्लेटफॉर्म में फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर चार्टर जैसे बड़े रिफॉम्र्स हैं। टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि पहले मजबूरी में लिए गए फैसलों को भी रिफॉर्म का नाम दिया जाता था। अब सोच और एप्रोच दोनों में बदलावा आया है।
फेसलेस, फीयरलेसनेस, फेयरनेस वाला सिस्टम
पीएम मोदी ने कहा कि अब टैक्सेशन सिस्टम फेसलेस हो रहा है, ये सिस्टम टैक्सपेयर को निष्पक्षता और एक भरोसा देने वाला है। फेसलेस असेसमेंट, टैक्सपेयर चार्टर आज से ही लागू हो गए हैं। फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अब टैक्स सिस्टम भले ही फेसलेस हो रहा है, लेकिन टैक्सपेयर को ये फेयरनेस और फीयरलेसनेस का विश्वास देने वाला है।
दुनिया में भारत की छवि बदल रही
पीएम मोदी ने कहा कि देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर्स का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तभी देश का भी विकास होता है। पिछले कुछ साल में करीब डेढ़ हजार कानूनों को हमारी सरकार ने खत्म किया है। इतना ही नहीं ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत 134वें स्थान से 63वें स्थान पर आ गया है। कोरोना के दौरान रिकॉर्ड एफडीआई का आना इसका उदाहरण है।
अब टैक्सपेयर्स का मिलेगा सम्मान
पीएम मोदी ने कहा कि अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार किया जाएगा। यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की डिग्निटी का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा। अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नजऱ से नहीं देख सकता। उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर्स को टैक्स इसलिए देना है क्योंकि इसी से देश चलता है और सरकार का भी ये दायित्व है कि टैक्सपेयर की पाई-पाई का सदुपयोग करे। जब करदाता को सुरक्षा और सुविधा दोनों मिल रही है तो टैक्सपेयर्स को भी ज्यादा जागरुक रहना चाहिए।
टैक्स विवाद भी हुए कम
पीएम मोदी ने बताया कि वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटन्र्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है। यानि केस की स्क्रूटनी करीब-करीब 4 गुना कम हुई है। इसका कम होना बता रहा है कि बदलाव कितना बड़ा है। उन्होंने बताया कि इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है। इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं, जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो अपनी मर्जी से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी। आइए, विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें।
टैक्स गवर्नेंस में भी आएगा बदलाव
पीएम मोदी ने आगे कहा, बीते 6 सालों में भारत ने टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में गवर्नेंस का एक नया मॉडल विकसित होते देखा है। अभी तक होता ये है कि जिस शहर में हम रहते हैं, उसी शहर का टैक्स डिपार्टमेंट हमारी टैक्स से जुड़ी सभी बातों को हैंडल करता है। स्क्रूटनी हो, नोटिस हो, सर्वे हो या फिर ज़ब्ती हो, इसमें उसी शहर के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की, आयकर अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है। टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है।