बगावत के बाद पायलट की गहलोत से पहली मुलाकात, आज यूं मिले गहलोत व पायलट

जयपुर। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने बगावत के बाद पहली बार गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और मुस्कुराए, लेकिन गले नहीं मिले। पिछली बार दोनों 20 जून को मिले थे। तीन दिन पहले ही पायलट की कांग्रेस से सुलह हुई और मंगलवार को वे और उनके 18 विधायक बाड़ेबंदी से निकलकर जयपुर लौट आए। गहलोत के घर कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग भी चल रही है। इसमें शुक्रवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र की स्ट्रैटजी पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने बीते दिनों सचिन पायलट से मुलाकात की थी और पार्टी में उनकी वापसी सुनिश्चित की थी। इस दौरान कांग्रेस आलाकमान ने पायलट की ओर से उठाए गए मुद्दों के निपटारे के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का एलान किया था, जिसका पायलट और गहलोत दोनों ने स्वागत किया था। अब सत्र से एक दिन पहले दोनों की खुशनुमा मुलाकात को देख कर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी संतुष्ट होगा।
जब गहलोत ने पायलट को कहा था नाकारा और निकम्मा
बता दें कि जब पायलट और गहलोत के बीच विवाद चरम पर था तब गहलोत ने भाषायी मर्यादाओं को तार-तार करते हुए पायलट पर गई आरोप लगाए थे। यहां तक कि वह पायलट को नाकारा और निकम्मा तक कह गए थे। गहलोत ने कहा थाए हमने कभी सचिन पायलट पर सवाल नहीं उठाया, लेकिन पायलट ने ही कांग्रेस की पीछ में छुरा घोंपा। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक भोले चेहरे के पीछे ऐसा साजिश करने वाला होगा।
गहलोत ने कहा था, हम जानते थे कि वो निकम्मा है, नाकारा है और कुछ काम नहीं कर रहा है। खाली लोगों को लड़वा रहा है। लेकिन मैं यहां बैंगन बेचने नहीं आया हूं, मुख्यमंत्री बनकर आया हूं। गहलोत ने पायलट पर भाजपा से मिले होने का आरोप भी लगाया था। बता दें कि दोनों के बीच विवाद और पायलट के बागी तेवरों को देखते हुए पार्टी ने सचिन पायलट को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था।
सीएम गहलोत ने कही भूल जाने और माफ करने की बात
पायलट के खिलाफ अब तक आक्रामक तेवर अपनाए मुख्यमंत्री गहलोत के सुर भी अब बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि हमें भूल जाओ और माफ करो की भावना के साथ लोकतंत्र की लड़ाई में जुटना होगा। उन्होंने कहा, पिछले एक माह में पार्टी में आपस में जो भी मतभेद हुआ है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें भुलाना होगा और माफ करके आगे बढऩे की भावना के साथ लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में लगना होगा।
गहलोत ने कहा, कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लोकतंत्र को बचाने की है। लोकतंत्र की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। देश में चुनी हुई सरकारों को एक-एक करके तोडऩे की जो साजिश चल रही है, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में सरकारें जिस तरह गिराई जा रही हैं, ईडी, सीबीआई, आयकर, न्यायपालिका का जो दुरुपयोग हो रहा है, वह लोकतंत्र को कमजोर करने का बहुत खतरनाक खेल है।
भाजपा लाएगी गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
इससे पहले जयपुर में आज भारतीय जनता पार्टी की विधायक दल की बैठक आयोजित हुई। इसमें पार्टी ने गहलोत सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया। बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि विधानसभा के शुक्रवार से शुरू हो रहे सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने कहा, हम अपनी तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं। हमने अपने प्रस्ताव में वो सभी बिंदु शामिल किए हैं, जो आज राज्य में ज्वलंत हैं।
पायलट की पार्टी में वापसी और विवादों की समाप्ति को लेकर उन्होंने कहा, अब भी पैचिंग की कोशिश की है। लेकिन एक पूरब जा रहा है तो एक पश्चिम जा रहा है। ऐसी गति में मुझे लगता है कि सरकार ज्यादा दिन तक जी नहीं सकेगी। भले ही इसका टांका लगाने की कोशिश की है लेकिन कपड़ा फट चुका है। आज नहीं तो कल कपड़ा फटेगा। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि विधायक दल की बैठक में भाजपा व घटक दल के 75 में से 74 विधायक मौजूद थे।
पायलट की वापसी का असर, दो विधायकों का निलंबन रद्द
कांग्रेस ने गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों विश्वेंद्र सिंह और भंवर लाल शर्मा का निलंबन गुरुवार को रद्द कर दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, कांग्रेस के संगठन महासचिव और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र  सिंह के पार्टी से निलंबन को वापस ले लिया है। इससे पहले पांडे ने ट्वीट कर बताया था कि व्यापक विचार विमर्श के बाद दोनों विधायकों का निलंबन रद्द किया गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में राजनीतिक संकट के दौरान कांग्रेस ने 17 जुलाई को विधायक विश्वेंद्र सिंह और भंवर लाल शर्मा की प्राथमिक सदस्यता निलंबित कर दी थी। पार्टी ने इन दोनों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। कांग्रेस ने इससे पहले 14 जुलाई को सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को उनके मंत्री पद से हटाने की घोषणा की थी। इन दोनों नेताओं का निलंबन रद्द करने की घोषणा यहां कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू होने से ठीक पहले की गई। 14 अगस्त से विधानसभा सत्र
गहलोत खेमे के विधायकों को बुधवार को जैसलमेर से जयपुर लौटने के बाद फिर से उसी होटल फेयरमोंट में ठहराया गया है, जहां से वे 31 जुलाई को गए थे। गहलोत गुट के विधायकों की तो अभी तक होटल में बाड़ेबंदी जारी है, लेकिन पायलट गुट के विधायक अपने-अपने घरों पर ही हैं। दो दिन पहले से ही पायलट गुट के सभी विधायक बाड़ेबंदी से निकल चुके हैं। एक महीने बाड़ेबंदी में रहने के बाद मंगलवार शाम वे जयपुर लौट आए थे। बुधवार शाम 7 बजे पायलट के सरकारी आवास पर विधायकों की मीटिंग भी हुई, जिसमें आगे की स्ट्रैटजी तय की गई। हालांकि, इसे अनौपचारिक मुलाकात बताया गया।