म्यांमार की राजधानी में रविवार को प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां बरसा दी।। इस पुलिस फायरिंग में यंगून के हेलिंगथया में 22 लोगों सहित पूरे देश में 38 नागरिकों की मौत हो गई। हिंसा के दौरान एक पुलिस अधिकारी की भी जान चली गई जबकि तीन अन्य लोग घायल हुए हैं। म्यांमार के सरकारी टीवी ने हेलिंगथया में सैन्य तानाशाही की तरफ से मार्शल लॉ लागू करने की जानकारी दी है। इससे पहले शनिवार को भी सुरक्षाबलों ने गोलियां चलाकर 13 प्रदर्शनकारियों को मार गिराया था।
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फरवरी में निर्वाचित सरकार के सैन्य तख्तापलट के बाद शुरू हुए प्रदर्शन में किसी पुलिसकर्मी के जान गंवाने का यह दूसरा मामला सामने आया है। म्यांमार में सेना की ओर से सत्ता कब्जाने के बाद 6 हफ्ते से जारी प्रदर्शनों में अब तक 100 लोग मारे जा चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तख्तापलट के बाद सैना ने 2100 लोगों को हिरासत में लिया है। सोमवार को म्यांमार की लोकप्रिय नेता सू की को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा।
चीन की ओर से सैन्य तानाशाही को समर्थन देने से नाराज प्रदर्शनकारियों ने हेलिंगथया में चीनियों की तीन गारमेंट फैक्टरी भी जला दीं। कई जगह चीन के खिलाफ नारेबाजी की गई। इसके चलते यहां रहने वाले चीनी डरे हुए हैं। चीनी दूतावास ने सैन्य सरकार से अपने नागरिकों और उनकी संपत्तियों की रक्षा का आग्रह किया है। पॉलीटिकल प्रिजनर्स एडवोकेसी ग्रुप ने दावा किया है कि हेलिंगथ्या में चीनी फैक्टरियों में आगजनी के बाद 22 प्रदर्शनकारियों की मौत पुलिस फायरिंग से हुई है। जबकि पूरे देश में कुल 38 लोग पुलिस की गोलियों का शिकार हुए हैं।