एसडीएम ने कोरोना के संक्रमण के लिए दिए आमजन को दिशा-निर्देश
गंगापुर सिटी। कोरोना महामारी के दौरान उप जिला कलेक्टर विजेन्द्र कुमार मीना ने बताया कि गंगापुर सिटी उपखंड में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में पिछले कुछ दिनों में तेजी से वृद्धि हुई है। इसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी निर्देशों की निरन्तरता में पुन: निर्देश जारी किये गये हैं, जो कि समस्त कार्यालयों के प्रभारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कार्यस्थलों पर सभी कर्मचारियों एवं अन्य द्वारा आवश्यक रूप से फेस मास्क पहना जा रहा है तथा समुचित सामाजिक दूरी रखी जा रही है, सभी सार्वजनिक स्थानो एवं परिवहन में समस्त व्यक्तियों द्वारा समुचित सामाजिक दूरी बनाये रखना सुनिश्चित किया जायेगा। इसकी पालना नहीं करना जुर्माने से दण्डनीय होगा। दुकानों में ग्राहकों के मध्य सामाजिक दूरी बनाये रखने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि किसी भी स्थिति में एक समय पर दुकानों में अधिक संख्या में व्यक्ति एकत्रित नहीं हों, सम्पूर्ण कार्यस्थलों आम सुविधाओं और मानव संपर्क आने वाले सभी बिन्दुओं जैसे दरवाजे के हैण्डल, रैलिंग आदि को बार-बार विसंक्रमित करना सुनिश्चित किया जायेगा, सभी व्यक्तियों को यह सलाह दी जाती है कि वे किसी ऐसी सतह जो सार्वजनिक संपर्क में आती है उसे छूने के उपरान्त साबुन और पानी से हाथ धोयें एवं साबुन और पानी आसानी से उपलब्ध नही होने पर सेनेटाईजर का उपयोग करें।
राजपूत समाज ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
गंगापुर सिटी। रावणा राजपूत संघर्ष समिति के तत्वावधान में राजपूत सभा की ओर से उप जिला कलेक्टर विजेंद्र मीणा को शुक्रवार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया कि एफआईआर नंबर 115/17 थाना जसवंतगढ़ जिला नागौर पद सीबीआई द्वारा चार्ज शीट प्रस्तुत किए जाने पर मुकदमा वापस लेने मांग की गई। उक्त ज्ञापन में आनंदपाल एनकाउंटर संदिग्ध परिस्थितियों में हुआ था और तत्कालीन राज्य सरकार प्रतिनिधि मंडल में राजपूत रावणा संघर्ष समिति के मध्य 18 जुलाई 2017 को हुए समझौते पत्र में एफआईआर नंबर 190/17 थाना रतनगढ़ और एफआईआर नंबर 238/17 पुलिस थाना अशोकनगर से संबंधित प्रकरणों की जांच सीबीआई से करवाने की सहमति बनी थी। परंतु तत्कालीन सरकार ने राजनीतिक द्वेषता के कारण उक्त समझौते से परे जाकर षडयंत्र पूर्वक राजपूत व रावणा राजपूत समाज के 24 प्रतिष्ठित सामाजिक नेताओं को परेशान व सबक सिखाने की मंशा से एफआईआर संख्या 115/17 थाना जसवंत नगर जिला नागौर की जांच भी सीबीआई से करवाकर समाज के प्रतिष्ठित लोगों के खिलाफ झूठी एवं आधारहीन चार्जशीट पेश कर वादी एवं एफआईआर नंबर 190/17 में बिना सत्य अन्वेषण के एफआर लगा दी थी जिसकी पुणे अन्वेषण करवाए जाने का आदेश प्रदान करावे एवं उक्त झूठ व समझौतों से परे जाकर चार्जशीट पेश किए जाने एवं मुकदमे में राज्य या केंद्र स्तर पर हर संभव कानूनी प्रक्रिया के तहत वापस लेने की कृपा करें जिससे इन सभ्य व बेगुनाह लोगों के साथ न्याय हो सके।
ज्ञापन देने वालों में श्री राजपूत सभा जिलाध्यक्ष दीपक सिंह नरूका, महेश सिंह जादौन सरपंच छावा, विजय सिंह जादौन, समय सिंह जादौन, रघुराज सिंह नरूका, सत्यवान सिंह, दीपू सिंह, शंभू सिंह, पवन सिंह, राजेंद्र सिंह, पृथ्वी सिंह अमरगढ़, चंद्रभान सिंह राजावत आदि समाज के कई लोग मौजूद थे।
रेल के विकास में मंत्रालय और फैडरेशन मिलकर काम करें-पीयूष गोयल
फैडरेशन ट्रेनों का संचालन प्राईवेट पार्टनर को देने के खिलाफ -शिवगोपाल मिश्रा
गंगापुर सिटी। रेल मंत्रालय की संगोष्ठी में ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा और अध्यक्ष रखालदास गुप्ता रेल कर्मचारियों की समस्याओं का जिक्र करने के साथ ही बड़ी संख्या में ट्रेनों का संचालन प्राईवेट पार्टनर को दिए जाने के मामले में सरकार को घेरा और साफ किया। दुनिया के दूसरे देशों में इस तरह का प्रयोग पूरी तरह फेल रहा है, इससे सबक लेते हुए सरकार को रेलकर्मचारियों पर पूरी तरह भरोसा करना चाहिए और ट्रेन का संचालन किसी को देने के पहले सौ बार सोचना चाहिए। संगोष्ठी में मौजूद रेलमंत्री पियूष गोयल ने फैडेरशन की बातों का जवाब देने के बजाए रेल मंत्रालय की कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहाकि आज अगर हमें रेल का विकास करना है, नई तकनीक को भारतीय रेल में इस्तेमाल करने साथ ही ऑपरेशन रेसियो को नियंत्रिय करना है तो हमें लीक से हटकर कुछ नए प्रयोग करने ही होंगे।
इस संगोष्ठी में एआईआरएफ और एनएफआईआर के अध्यक्ष महामंत्री के साथ ही देश भर के सभी जोन और मंडल के पदाधिकारी भी जुड़े हुए थे। महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कर्मचारियों से जुड़े हर सवाल को मजबूती के साथ रेलमंत्री के सामने उठाया और कहाकि रेलकर्मचारियों के हित में जो सुविधाएं हासिल करने के लिए एआईआरएफ ने काफी लंबा संघर्ष किया, आज उस पर कैंची चलाई जा रही है। फैडरेशन के साथ बातचीत में साफ हो गया था कि कोई भी बड़ा निर्णय लेने से पहले कर्मचारी संगठनों को भरोसे मे लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, रोजाना कुछ न कुछ एकतरफा आदेश जारी किए जा रहे हैं। महामंत्री ने कहाकि जब रेलकर्मचारी कोरोना संकट से अपनी जान की परवाह किए बगैर बड़ी संख्या में मालगाड़ी और पार्सल ट्रेनों का संचालन करते हुए आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की ढुलाई में व्यस्त थे, राज्य सरकारें जब प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने फेल हो गई तो श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए ये काम रेलकर्मचारियों ने संभाल लिया, उस वक्त उनको प्रोत्साहित करने के बजाए डीए फ्रीज करने का एक तरफा आदेश जारी कर दिया गया।
महामंत्री ने कहाकि रेलकर्मचारियों ने बिना मांगे 151 करोड रुपये पीएम केयर फंड में दिया, अगर सरकार को और जरूरत होती तो भी कर्मचारी पीछे हटने वाले नहीं थे, लेकिन डीए फ्रीज करने का सरकार ने मनमानी आदेश जारी कर दिया। महामंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात में रेलकर्मचारियों को फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स बताया, लेकिन दूसरे विभागों के कर्मचारियों के लिए जो सुविधाएं घोषित की गई है, वो रेलकर्मचारियों पर लागू नहीं की गई। हालत ये है कि अभी तक ड्यूटी के दौरान तीन सौ से अधिक रेलकर्मचारियों की मौत हो चुकी है, फिर भी किसी को एक्सग्रेसिया का भुगतान नहीं किया गया। पिछले दिनों एक और आदेश जारी कर 50 फीसदी पदों को समाप्त करने की बात की गई। महामंत्री ने कहाकि रेल में पदों के सृजन के लिए एक प्रक्रिया है, उसी के आधार पर पद सृजित किए जाते हैं, फिर मनमानी ढंग से उसे समाप्त करना बिल्कुल ठीक नहीं है। आज रेलवे में बेवजह आउटसोर्सिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है, वर्तमान समय में रेलवे में लगभग 4.50 लाख संविदाकर्मी है, इन्हें किसी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही है। फैडरेशन की मांग पर रेलमंत्रालय ने कहाकि इन कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके खाते में डाला जाए, अब ठेकेदारों ने इन संविदाकर्मियों के एटीएम अपने पास रख लिए। ठेकेदार मनमानी कर रहे है, लेकिन उन पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं किया जा रहा है। महामंत्री ने कहाकि एक बार फिर मल्टीस्कीलिंग के लिए एक कमेटी बना दी गई, जबकि कई साल पहले बनी कमेटी में फैडेरशन की ओर से मैं स्वयं इस कमेटी का सदस्य था, टीम ने देश विदेश का तमाम दौरा किया, रिपोर्ट भी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज एक बार फिर कमेटी बना दी गई है।
महामंत्री ने कहाकि मल्टीस्कीलिंग से न रेलकर्मचारी का भला होगा और न ही रेल का। महामंत्री ने आज एक बार फिर एक्ट अप्रेंटिस का मुद्दा उठाया और कहाकि इन बच्चों ने आठ-आठ इम्तिहान पास किए हैं, ये तीन साल से रेल के साथ जुड़े हुए हैं, ये भारतीय रेल के लिए एक एसेस्ट्स है, इन्हें नौकरी देने के लिए कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए। महामंत्री ने लार्सजेस और क्वासी के मामलों पर भी अपनी राय रखी। महामंत्री ने कहा कि ट्रैकमैन की ड्यूटी बहुत ही कठिन है, यही वजह है कि तमाम सेना के लोगों को ट्रैकमैन के पद पर तैनाती की गई थी, लेकिन 70 फीसदी लोग काम छोड़ कर चले गए। फैडरेशन का प्रस्ताव आने वाले समय में सभी नियुक्तियां ट्रैकमैन के पद पर ही हो और दो साल बाद उन्हें उनकी पसंद के कैडर में तबादला कर दिया जाए। इसके अलावा 1800 ग्रेडपे के सभी लोगों को 1900 ग्रेड-पे में शामिल कर दिया जाए, इससे उनके प्रमोशन का रास्ता भी खुल जाएगा।
फैडरेशन के अध्यक्ष रखालदास गुप्ता ने आज कोई भी ऐसा काम नहीं है जो भारतीय रेल के कर्मचारी न कर सके, लेकिन देखा जा रहा है कि हमेशा उनकी योग्यता पर मंत्रालय को शक होता रहा है। रेल कर्मचारियों ने न सिर्फ अच्छी तरह से ट्रेनों का संचालन किया है, बल्कि हमारी उत्पादन इकाइयों ने गुणवत्ता वाले एलएचबी कोच तक तैयार किया है। कम लागत में वंदे भारत ट्रेन के कोच तैयार कर दिया जो आज अच्छी तरह पटरी पर दौड रही है। आज तक भारतीय रेल का जितना भी विकास हुआ है, वह सब रेल कर्मचारियों ने ही किया है, ऐसे में हम ट्रेनों के संचालन के लिए प्राईवेट पार्टनर की ओर क्यों देख रहे हैं ? अध्यक्ष ने फैडरेशन का इतिहास और संघर्ष का जिक्र करते हुए कहाकि किस तरह हमने तमाम एलाउंस को हासिल किया है, आज सुविधाओं की कटौती की जा रही है, ये बिल्कुल गलत है, फैडरेशन की बात सुनने के बाद रेलमंत्री पियूष गोयल ने भारतीय रेल की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहाकि सच्चाई ये है कि आज रेलवे को वेतन और पेंशन देने में मुश्किल हो रही है। ऐसे में हमें रेल की कमाई पर भी विचार करना जरूरी है। उन्होंने कहाकि कब तक हम पुराने ढर्रे पर ट्रेनों का संचालन करते रहेंगे, हमें भारतीय रेल में भी नई तकनीक, नए सिंगनलिंग सिस्टम का इस्तेमाल करना ही होगा। हमें तेज रफ्तार ट्रेनों के संचालन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना होगा, ये सब करने के लिए हमें पैसों की जरूरत है, इसके लिए बाजार की ओर देखना हमारी मजबूरी है। रेलमंत्री ने कहा कि ये सही है कि कोरोना के दौरान हमने माल की ढुलाई लगभग दोगुनी की, लेकिन ये भी सच है कि आज माल ढुलाई में लोगों की पहली प्राथमिकता रोड ट्रांसपोर्ट होती जा रही है, ऐसे में हमें माल दुलाई की क्षमता बढ़ाने के साथ ही व्यापारियों को और बेहतर सुविधाएं देनी होगी। उन्होंने कहा कि अभी रेलवे ने कुछ गिनती की ही ट्रेनों का संचालन शुरु किया है, लेकिन इन ट्रेनों के लिए भी पैसेंजर नहीं मिल रहे हैं। रेलमंत्री ने दोहराया कि यहां जो लोग भी मौजूद है, निश्चित रुप से उन्होंने रेलवे में लंबा वक्त बिताया है, उनका अनुभव हमसे काफी अधिक है, वो रेलवे और रेलकर्मचारियों के बारे में अच्छा सोचते है, लेकिन अब हमें रेलवे के विकास को सबसे ऊपर रखना होगा। रेलमंत्री ने आज फिर दोहराया कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला है, उसे देखते हुए अप्रेंटिस के मसले पर कुछ भी निर्णय लेना आसान नहीं है। रेलमंत्री ने कहा कि वो चाहते है कि जल्दी ही एक और संगोष्ठी का आयोजन किया जाए, जिसमें रेल के विकास, रेल की आर्थिक स्थिति में सुधार, रेल में नई तकनीक के इस्तेमाल पर लोग नए आइडिया के साथ आएं। गोयल ने कहा कि रेल का विकास तभी संभव है जब रेल के अधिकारी और कर्मचारी मिलकर विकास योजनाओं को तैयार करने में भागीदार बनें।
इस संगोष्ठी को रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगारी के साथ ही साउथ सेंट्रल रेलवे मेंन्स यूनियन के महामंत्री शंकरराव, वेस्टर्न रेलवे इम्पलाइज यूनियन के महामंत्री जे आर भौंसले, नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री वेणु पी नायर वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाई यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव और इस्टर्न रेलवे मेन्स यूनियन के महामंत्री अमित घोष ने भी संबोधित किया।
नगर परिषद में हुई टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक संपन्न
ंगंगापुर सिटी। स्थानीय नगर परिषद कार्यालय में टाउन वेंडिंग कमेटी की शुक्रवार को बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें नगर परिषद सभापति संगीता बोहरा, नगर परिषद आयुक्त दीपक चौहान, पुलिस उप अधीक्षक कालूराम मीणा मौजूद रहे। इस दौरान इस मीटिंग में शहर के लिए नए वेंडर्स और नई टाउन वेंडिंग प्लान की योजनाओं का भी चर्चा की गई और प्रधानमंत्री द्वारा कोविड -19 के तहत रोजमर्रा का रोजगार करने वाले रेहड़ी मजदूर दिहाड़ी मजदूरों को 10000 रूपए की आर्थिक सहायता देने हेतु चर्चा की गई।
पुलिस उपधीक्षक कालूराम मीना द्वारा शहर में फैल रहे अतिक्रमण को लेकर भी चर्चा की गई। आयुक्त ने भी आज मीडिया के माध्यम से लोगों से अपील की है कि एक तो सफाई व्यवस्था बनाए रखना और अतिक्रमण पर अंकुश लगाना लोगों की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है तथा प्रत्येक दुकानदार अपनी दुकान का कचरा एक जगह पर एकत्रित कर नगर परिषद की आने वाली गाडिय़ों में उस कचरे का निस्तारण करें। साथ ही अतिक्रमण ना करके अपनी हद और अपनी सीमाओं में ही रहें। आयुक्त ने विशेषकर हलवाई और दुकानदारों व चाय वालों से अपील की है कि मानसूनी सीजन में जब बड़े नालों की सफाई की गई तो अधिकांश कचरा इन्हीं लोगों के द्वारा, इनसे संबंधित ही पाया गया है जिन से बड़े नाले जाम हो जाते हैं। अत: लोगों को भी प्रशासन का सहयोग करना चाहिए। साथ ही आने वाले दिनों में शहर में अतिक्रमण और गंदगी के खिलाफ अभियान लगातार चलाया जाएगा।
वाणिज्य रेल कर्मचारियों के हितों के लिए मजदूर संघ ने सौंपा ज्ञापन
गंगापुर सिटी। वाणिज्य चेकिंग रेलवे कर्मचारियों को रेलवे द्वारा पार्सल एवं अन्य व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाने हेतु प्राइवेट संस्थानों की भांति मार्केटिंग के लिए लगाया जा रहा है जो कि किसी भी प्रकार से न्याय संगत नहीं है।
इस संबंध में स्थानीय वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ यातायात शाखा द्वारा मंडल रेल प्रबंधक के नाम स्टेशन अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा गया। उक्त रेल कर्मचारियों के पास किसी प्रकार का प्रशिक्षण अनुभव मार्केटिंग का नहीं है सरकारी आदेश में अजीबोगरीब कोरोनावायरस का हवाला देकर रेलवे के वाणिज्य विभाग को पूर्णतया निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है। आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में कोरोनावायरस महामारी के चलते नियमित यात्री ट्रेन सेवाएं नहीं चल पा रही है जिसके कारण टिकट बुकिंग आरक्षण खिड़की के कर्मचारियों को प्रतिदिन कार्य नियोजित नहीं किया जा रहा है जिसके कारण सक्षम अधिकारी द्वारा रेल कर्मचारियों से मार्केट सर्वे कराने का तुगलकी फरमान जारी किया गया, जिसका वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ कड़ा विरोध करती है और मांग करती है कि इस आदेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए।
महामारी को देखते हुए गंगापुर सिटी में कई स्थान हॉट स्पॉट बने हुए हैं जिससे व्यापारिक प्रतिष्ठानों से संपर्क करने पर रेल कर्मचारियों मैं कोरोनावायरस फैलने का भय व्याप्त है इस मौके पर वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ उप मंडल सचिव डीके शर्मा, केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य पीसी मीणा, यातायात शाखा सचिव आमीन गद्दी, शाखा अध्यक्ष जी एल मीणा, मुंशी राम मीणा, गजनी लाल मीणा, समंदर सिंह मीणा, युवा नेता चेतराम मीणा, प्रदीप तिवारी, ऋषि मीणा, राधेश्याम गुर्जर, बाबूलाल, मीठालाल, जितेंद्र शर्मा, सुमेर, महेश बघेल सहित काफी रेल कर्मचारी उपस्थित थे।
पमरे के रेलकर्मियों के बच्चों को प्रोफेसनल कोर्सेस के लिए मिलेंगे 33 करोड़ रुपए
गंगापुर सिटी। पश्चिम मध्य रेलवे के हजारों रेल कर्मचारियों के बच्चों को टेक्निकल एवं प्रोफेसनल कोर्सेस की पढ़ाई हेतु लगभग 33 करोड़ रुपए की सहायता मिलेगी। साथ ही कर्मचारियों के हितों में अनेक निर्णय लिये गये। यह महत्वपूर्ण निर्णय केंद्रीय कर्मचारी हित निधी समिति की जबलपुर में गुरुवार को आयोजित बैठक में लिये गये।
वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि केन्द्रीय कर्मचारी हित निधि समिति की बैठक आज जबलपुर में सम्पन्न हुई। इस बैठक में रेलकर्मचारी व उनके परिवारजनों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि तीनों मंडलों (जबलपुर, कोटा व भोपाल) से प्राप्त 1830 कर्मचारियों के आवेदन पर उनके बच्चों को टेक्नीकल एवं प्रोफेशनल कोर्सेस की पढ़ाई हेतु 18000 रुपए प्रत्येक बच्चे को स्कॉलरशिप स्वीकृत की गई। मुख्यालय की कैंटीन का कार्यकाल 6 माह बढ़ाया गया। कर्मचारियों के दिव्यांग आश्रितों को आर्थिक सहायता हेतु कुल 360 आवेदन प्राप्त हुये थे, उन सभी आश्रितों की देखभाल हेतु 360 कर्मचारियों को 5000 रुपए की राशि स्वीकृत की गयी। कोविड-19 के चलते दिव्यांग कर्मचारियों को आर्थिक सहायता रेलवे बोर्ड से कम फंड रिलीज होने के कारण इस वर्ष स्वीकृत नहीं हो पा रही है। तीनों मंडलों को निर्वाह अनुदान हेतु पांच-पांच लाख रुपए एवं दांत व चश्मे की प्रतिपूर्ति हेतु 02-02 लाख रुपए स्वीकृत किये गये। मुख्यालय एवं दोनों वर्कशॉप के लिये निर्वाह अनुदान हेतु 1.5-1.5 लाख रुपए एवं दांत व चश्मे की प्रतिपूर्ति हेतु 50-50 हजार स्वीकृत किये गये।
गौ पूजन व माँ आरती के साथ गायों को गुड व हरा चारा खिलाया
गंगापुर सिटी। गौ सेवा समिति द्वारा समस्त गौभक्तों ने गौशालाओं में शुक्रवार को गुड व हरा चारा खिलाकर अध्यक्ष गोविन्द नारायण शर्मा की अध्यक्षता में गौ प्रशंसा दिवस मनाया गया।
इस मौके पर समिति अध्यक्ष ने समस्त गौभक्तों को सम्बोधित करते हुए बताया कि गायों के सम्वर्धन व सरंक्षण के लिए हर सम्भव प्रयास जारी रहेगा एवं शहर में घूम रहा आवारा गायों को जल्द से जल्द प्रशासन के द्वारा गौशालाओं में रखा जाएगा।