मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की निवास पर प्रेस वार्ता

इस देश में जो लोग हिंसा कर रहे हैं वह बहुत ही दुखद है, उत्तरप्रदेश में 11 लोगों की जान जाने की खबर आ रही है। हिंसक प्रदर्शन में लोग घायल हो रहे हैं, देश में चिंतनीय हालात बने हुए हैं।
मेरी सभी से अपील है कृपया शान्ति बनाए रखें, हिंसा और अफवाहों से बचें, न ही उन्हें फैलने दें। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, हिंसा करने वाले और हिंसा फैलाने वाले आमजन के दुश्मन हैं। विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल हो, शांतिपूर्ण प्रदर्शन हों लेकिन हिंसा की सभी को निंदा करनी चाहिए।
जिस रूप में इस कानून को लेकर सरकार की तरफ से लोगों को भ्रम में रखा गया है उसने लोगों को भड़काने का काम किया, गृह मंत्री एनआरसी लागू करने की प्रतिबद्धता धमकी की तरह जता रहे हैं, उनकी पार्टी के कई लोग भड़काऊ बयानबाजी करते हैं, धार्मिक आधार पर लोगों को देश से बाहर करने और बसाने को लेकर सरकार खुद अफवाह फैला रही है, इस संवेदनशील समय में सबसे बड़ी जिम्मेदारी देश की सरकार में बैठे लोगों की बनती थी, लेकिन दुर्भाग्य से जनभावना को समझने में वे पूरी तरह विफल रहे उसीका परिणाम है हालात इतने बिगड़ गए। मैं पुनः सरकार से आग्रह करूंगा कि कृपा करके स्थिति को समझें, देश उबल रहा है, लोगों की जानें जा रही हैं। हालात बेहद गंभीर हैं, इस कंट्रोवर्सियल कानून को वापस लें, ऐसे विभाजनकारी फैसले से मुल्क का भला नहीं होने वाला है। 
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी सरकार से आग्रह किया है कि धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के अधिकार दोनों लोकतंत्र के मूल सिद्धांत हैं। सिर्फ अमेरिका की ही बात नहीं पूरे विश्व की निगाह भारत पर लगी हुई है कि गांधी के मुल्क में ऐसे हालात कैसे बने, यह हो क्या रहा है। बड़े बड़े अखबारों में भारत की स्थिति हेडलाइंस में है।
मैं पुनः सभी से अपील करता हूँ प्रदर्शन करें, लेकिन हिंसा नहीं करें, शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखें, किसी भी प्रकार की हिंसात्मक गतिविधियों में शामिल न हों, न ही किसी के बहकावे में आएं। सभी को संविधान की मूल भावना के मुताबिक शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक मूल्यों का अनुसरण करना चाहिए। सोशल मीडिया पर सर्कुलेट की जा रही अफवाहों, भड़काऊ सामग्री और फेक न्यूज से भी बचें यदि कोई हिंसा फैला रहा है तो पुलिस-प्रशासन को इत्तला करें।