8 मई 1974 की ऐतिहासिक हड़ताल को किया याद

रेल कर्मचारियों ने हड़ताली आंदोलनकारियों को एवं हड़ताल के शहीदों को याद कर लिया संघर्ष का संकल्प
गंगापुर सिटी।
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर आज पूरे देश में सभी स्टेशनों पर रेल कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्य स्थलों पर ही 8 मई 1974 की रेल हड़ताल को याद कर रेल कामगारों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले आंदोलनकारियों के संघर्ष को नमन किया एवं हड़ताल में शहीद हुए आंदोलनकारियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन की आवाज पर पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल जबलपुर एवं कोटा मंडल के सभी स्टेशनों पर रेल कर्मचारियों ने अपने-अपने ड्यूटी स्थलों पर ही सोशल डिस्टेंस को मेंटेन करते हुए ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के नेतृत्व में हुई सबसे बड़ी रेल हड़ताल में रेल कर्मचारियों के संघर्ष को याद किया एवं संघर्ष से प्राप्त अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए एकजुट होकर लाल झंडे के साथ संघर्ष करने का संकल्प लिया।
उल्लेखनीय है कि मई 1974 के दौरान एआईआरएफ द्वारा रेल कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर 8 मई 1974 से अखिल भारतीय स्तर पर इस ऐतिहासिक रेल हड़ताल का आह्वान किया था, लेकिन कॉमरेड जॉर्ज फर्नांडीस, जे.पी. चौबे की गिरफ्तारी के कारण कहीं पर 1 मई और कहीं पर 2 मई से ही रेल कर्मचारी हड़ताल पर उतर गए। देश के अधिकांश स्थानों पर ट्रेन का आवागमन बंद हो गया। इस संघर्ष में कई आंदोलनरत रेल कर्मचारी की मृत्यु हो गई।
आंदोलन के दौरान हजारों रेलकर्मी जेल गए और रेल सेवा से निकाल दिए गए। तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इंद्रा गांधी ने हड़ताल को दमनचक्र चलाकर कुचलने का भरसक प्रयास किया। सेना सहित सभी ताकतों का इस्तेमाल किया गया। रेलवे कर्मचारियों को परेशान करने के लिए अर्धसैनिक बल का प्रयोग किया गया। उन्होंने स्ट्राइक ब्रेकर्स के रूप में अपनी ट्रेड यूनियन का भी इस्तेमाल किया। अपने परिवार के सदस्यों को लॉयल कोटा के तहत रोजगार देने के साथ-साथ उन्हें सुरक्षा प्रदान की। उन्हें विशेष पदोन्नति और वेतन वृद्धि दी, तब भी वे हड़ताल नहीं तोड़ सके।
यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने बताया कि आज रेल कर्मचारियों ने मई 1974 के आंदोलनकारियों के संघर्ष को याद किया और हड़ताल में संघर्ष है कर्मचारियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि पूरे देश में कोरोनावायरस महामारी के कारण पूर्ण तालाबंदी के दौरान रेलकर्मी इस चुनौती का बहादुरी से सामना कर रहे हैं और खाद्य सामग्री की आपूर्ति अति आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं तालाबंदी के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे नागरिकों, मजदूरों को एक-स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेन का संचालन करने एवं रेलवे कारखाना एवं पटरियों का मरम्मत कार्य करने में अभी भी लाखों कर्मचारी लगातार कर रहे हैं।
कोरोना महामारी के खतरे का सामना अपना जीवन खतरे में डालकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं इसके बावजूद सरकार ने पुरस्कार देने के बजाय उनके महंगाई भत्ते को फ्रीज कर दिया।
भारत सरकार के साथ इस मुद्दे पर फेडरेशन के बड़े पदाधिकारी लगातार बातचीत कर रहे हैं।
यूनियन के मंडल सह सचिव श्रीप्रकाश शर्मा ने कर्मचारियों से आह्वान किया है कि इस दिन हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम हार नहीं मानेंगे, हमारी सुविधाएं, बहुत सारे बलिदान और संघर्ष के बाद हासिल हुईं। इन्हें बरकरार रखने के लिए सतत संघर्ष करेंगे।
जैन ने बताया कि आज इस श्रंखला में गंगापुर संभाग में मलारना, निमोदा, नारायणपुर टटवाड़ा, लालपुर उमरी, गंगापुर सिटी के कई कार्यालय छोटी उदेई, पीलोदा, श्री महावीरजी स्टेशनों पर रेल कर्मचारियों ने अपने कार्यस्थल पर ही मई १९74 की हड़ताल को याद कर आंदोलनकारियों को नमन किया।