राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस पर विशेष ‘देवदूत’

रोगी हो जाते हैं निरोगी,
है साक्षात भगवान का सबूत,
भूल जाते हैं घर अपना,
इंसान के रूप में हो देवदूत।

दिन-रात जुटे रहते,
मेडिकल क्षेत्र के हो शूरवीर,
बखूबी पेशे का मान रखा,
कोरोना के हो कर्मवीर।

डॉक्टर मायका भूली ससुराल भूली,
वो अपने परिवार को भूले,
दिखते रहे कोरोना रोगी उनको,
अपने सुख के संसार को भूले।

कैसी भी विपदा आयी,
चाहे कैसा भी संकट आया,
रहे डटकर कर्मक्षेत्र में,
सदा अपना वचन निभाया।

है ये स्वस्थ जीवन आपसे,
है ये खिलता आंगन आपसे,
हो देवदूत आप तो,
है ईश्वर का दामन आपसे।।

मनीष कुमार अग्रवाल अधिवक्ता
गंगापुर सिटी