Uttarakhand Glacier Burst Updates: मलबे से जिंदगी तलाशने के लिए उत्तारखंड में क्या चल रहा है?

उत्तराखंड के चमौली के रैणी इलाके में धौली गंगा और ऋषि गंगा नदियां से तबाही की तस्वीरों ने हर किसी के रौंगटे खड़े कर दिए। ग्लेशियर के टूटने पर ऑवरफ्लो हुई नदियों में कई लोगों का जीवन समा गया। अब राहत और बचाव कार्य तेजी के साथ चल रहा है। SDRF, NDRF, ITBP, मेडिकल टीमें और सेना के जवान ये सभी रेस्कूय करने में लगे हैं। दो जगहों पर मुख्य तौर से रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है।
हेलीकॉप्टर्स से भी राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं। रेस्क्यू टीमें देहरादून से जोशीमठ पहुंच रही हैं। ग्लेशियर के टूटने से पानी के साथ भारी मात्रा में चट्टानों का मलबा भी बह निकला। तेज रफ्तार से आए इस सैलाब ने तबाही मचा डाली। इस हादसे में एक जलविद्युत परियोजना पर काम कर रहे करीब 170 श्रमिक लापता हो गए। अभी तक 14 लोगों को इस भयावह हादसे में मारे जाने की खबरें है।
ग्लेशियर फटने से मची तबाही से कई पॉवर प्रोजेक्ट पर भी असर पड़ा है।भारतीय सेनाओं सहित कई दल राहत कार्यों में लगे हुए हैं। वायुसेना से जुड़े लोगों ने बताया कि तपोवन विष्णुगाढ़ हाइड्रो पॉपर प्लांट पूरी तरह से तहस नहस हो गया है। पिछली रात को भी रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी रहा। अभी तक 25 से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है।इनमें से 16 लोग जो एक टनल में फंसे हुए थे उनको भी बचाव दलों ने बाहर निकाला है। यहां अभी भी और लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।