WCREU महामंत्री कॉमरेड मुकेश गालव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रेलवे के निजीकरण के खिलाफ जनआन्दोलन का किया आगाज

गंगापुर सिटी। केन्द्र सरकार ने रेलवे के निजीकरण का ऐलान करते हुए 109 रूट पर 151 ट्रेनों के परिचालन को निजी हाथों में देने का फैसला किया है। इसके साथ ही 50 स्टेशनों को भी निजी हाथों में देने की घोषणा की है और रेलवे में 100 प्रतिशत एफडीआई का ऐलान करते हुए विभिन्न उत्पादक ईकाइयों को भी निजी हाथों में देने जा रही है। वर्षों से आम जनता के टैक्स व रेल मजदूरों की मेहनत से पूरे देश में रेलवे का इतना बड़ा आधारभूत ढांचा तैयार हुआ है, जिसका उद्देश्य था जनता की सेवा करना। इतने बड़े उद्योग को सरकार सेवा की बजाय मुनाफे के बाजार में बदल रही है। आज रेलवे देश का सबसे बड़ा रोजगार देने वाला संस्थान है जिसके लगभग 13 लाख कर्मचारी है। लगभग 2.5 करोड़ लोग रोजाना यात्रा करते हैं। भारतीय रेल विश्व का सबसे सस्ता परिवहन का साधन है। सबसे सस्ता होने के बावजूद रेलवे आज भी मुनाफे में चलने वाला उद्योग है परंतु केन्द्र सरकार चन्द पूंजीपतियों के हित में देश की जनता के इस उद्योग का निजीकरण करने जा रही है।
वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने बताया कि आज वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से महामंत्री मुकेश गालव ने कोटा मंडल की सभी शाखाओं के पदाधिकारियों से कहा कि रेलवे के निजीकरण होने से समाज के सभी वर्गों पर दुष्परिणाम आएंगे। देश के युवाओं के रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे। देश के युवाओं को कम वेतन पर निजी कम्पनियों एवं मालिकों के पास उनकी शर्तों पर काम करने के लिये मजबूर होना पड़ेगा। वरिष्ठ नागरिकों को किराये में मिलने वाली रियायत बन्द हो जायेगी। महिलाओं को मिलने वाली रियायत बन्द हो जायेगी। दिव्यांगों को मिलने वाली रियायत बन्द हो जायेगी। कैंसर एवं गंभीर बिमारी पर मिलने वाली रियायत बन्द हो जायेगी। दैनिक यात्री, स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, बुद्धिजीवि वर्ग को मिलने वाली रियायत छीन ली जायेगी। छात्र-छात्राओं को मिलने वाली रियायत बन्द हो जायेगी। जनता की सुविधा अनुसार गाडिय़ों को ठहराव बन्द हो जायेगाए माल ढुलाई की कीमत मनमानी वसूल की जायेगी, जिसका भार देश की गरीब जनता पर पड़ेगा, परीक्षा में जाने के लिये नि:शुल्क पास की सुविधा समाप्त होगी।
आज रेलवे जो दुनिया का सबसे सस्ता परिवहन है। निजीकरण के बाद निजी मालिक आम जनता से मनमाना किराया वसूल करेंगे। केन्द्र सरकार द्वारा रेल कर्मचारी की महनत वे आम जनता के पैसे से निर्मित इस उद्योग को निजी हाथों में देकर तबाह करने की साजिश के खिलाफ एक सशक्त जुझारू जन आंदोलन समय की मांग है। अत: सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता जन आंदोलन को सफल बनाने के लिए जमकर मेहनत करें।
जन आंदोलन के तहत कार्यक्रमों के विषय में चर्चा करते हुए महामंत्री मुकेश गालव ने कहा किऑल इण्डिया रेलवेमैन्स फैडरेशन के आह्वान पर वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन द्वारा 14 सितम्बर से 19 सितम्बर 2020 तक समाज के सभी वर्गों को रेलवे के निजीकरण से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जागरूक कर 19 सितम्बर 2020 से जनआन्दोलन का आगाज किया जायेगा। जिसमें 14 सितम्बर 2020 को कोटा मंडल की सभी शाखाओं के डेलीगेट, युवा, महिला एवं कार्यसमिति की बैठक बुलाकर जनआन्दोलन की तैयारी पर मंथन किया जायेगा। 15 सितम्बर को सभी शाखायें अपने अपने कार्यस्थल पर गेट मीटिंग आयोजित कर रेलवे निजीकरण के विरोध में जन आन्दोलन करने हेतु नारेबाजी करेंगे।
16 सितम्बर को जनआन्दोलन के लिये व्यापारी, युवा, विद्यार्थी, महिला, पेंशनर्स एवं वरिष्ठ नागरिक, दैनिक यात्री, श्रमिक वर्ग, खिलाड़ी, कलाकार, पत्रकार एवं मीडियाकर्मी, बुद्धिजीवी वर्ग, प्रोफेसर, जज, एडवोकेट, डॉक्टर, एनजीओ एवं जन समितियां, रेलकर्मी, राजनैतिक दल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग से जनसम्पर्क कर रेलवे के निजीकरण होने के दुष्परिणामों से अवगत करवाया जाएगा।
17 सितम्बर को विशाल मोटरसाईकिल रैली निकाली जायेगी, जो रेलवे स्टेशन से सामने से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्गों पर जाएगी। 18 सितम्बर को रेलवे कॉलोनी में रात्रि 7.30 बजे मशाल जुलूस निकाला जायेगा, जो कि रेलवे स्टेशन से प्रारंभ होकर समस्त रेलवे कॉलोनियों में निकाला जायेगा।
19 सितम्बर को सुबह 10 बजे सभी कर्मचारी एवं अन्य सभी वर्गों के लोग स्टेशन प्रांगण में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। समस्त रेलकर्मचारी तथा आम जनता रात्रि 8 बजे से 8.10 तक अपने मकानों की लाईटें बन्द कर ब्लैक आउट करेंगे। इन सभी कार्यक्रमों में कोरोना एडवाईजरी कमेटी के सभी निर्देशों का पालन एवं सोशल डिस्टेन्सिंग की पालना की जाएगी।