
किसान आंदोलन को लेकर आज काफी अहम दिन रहा। पहले ट्रैक्टर रैली को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अब केंद्र सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच अगले राउंड की बातचीत हो रही है। किसान यूनियनों ने 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के लिए वैकल्पिक मार्ग के सुझाव को खारीज कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने किसान ट्रैक्टर रैली को दिल्ली के व्यस्त बाहरी रिंग रोड के बजाय कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे पर आजोजित करने का सुझाव दिया है। इसे किसान संगठनों ने अस्वीकार कर दिया है।
अब तक दोनों पक्षों में 9 राउंड की वार्ता हो चुकी है लेकिन ये सभी बेनतीजा रही। किसानों ने कहा कि बैठक के मिनिस्टर्स वो ही है। बातें भी पुरानी हो रही है। ऐसे में क्या एक राउंड बैठक और होनी है। किसान नेताओं और सरकार के बीच आज 10वें दौर की वार्ता हो रही है। लंच ब्रेक से पहले एमएसपी के मुद्दे पर चर्चा हुई। वहीं किसानों ने एनआईए का मुद्दा भी उठाया। सरका के साथ किसानों की हो रही इस मीटिंग में कृषि कानूनों के संशोधनों पर सरकार अटकी है। किसानों के संगठन कानूनों की वापसी पर अड़े हैं। ऐसे में सरकार संग बैठक से क्या किसान आंदोलन का हल निकल पाएगा। अभी तक ये सवाल लोगों के सामने बना हुआ है।
बता दें कि किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 50 से अधिक पंजाब के लोगों को तलब किया है। समन जारी होने के बाद भी वो लोग जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं।
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