
राजस्थान के शहर के मुक्ताप्रसाद नगर स्थित ग्रामीण बैंक की ब्रांच में सोमवार की शाम को अचानक से दो बदमाशों ने पहुंचकर फायरिंग कर दी और पौने 11 लाख रुपये से ज्यादा लूट कर फ़रार हो गए। घटना में घायल हो गए बैंक मैनेजर को शहर के पीबीएम अस्पताल के ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया है। वहीं, पुलिस ने शहर भर में नाकाबंदी कर छानबीन शुरू कर दी है।
घटना के अनुसार, सोमवार को शाम में करीबन पांच बजे दो युवक बैंक में आये, जिनमें से एक सीधे काउंटर पर जा पहुंचा। लुटरों ने अंदर घुसने के साथ ही कर्मचारियों व एक अन्य व्यक्ति का मोबाइल कब्जे में ले लिया। वहीं, एक कर्मचारी ने उससे लाइन में आकर अपनी बात बताने को कहा। इसी दौरान, वहां दूसरा लुटेरा आ गया और उसने कर्मचारी से पूछा कि रुपये कहां रखे हैं। इसके बाद, एक लुटेरे ने एक आदमी को पकड़कर जबरन अंदर की ओर धकेला और फायर झोंक दिया।
फायर के कुछ देर बाद ही दूसरी बार फायरिंग कर दी, जिसमें बैंक के मैनेजर मदन लाल घायल हो गए। इसके बाद लुटेरों ने बैंक का लॉकर खुलवाया, जिसमें करीब दस लाख सत्तर हजार रुपए रखे हुए थे। इसके बाद, उन्होंने ये सारे पैसे एक बैग में भरे और ब्रांच से बाहर निकल गए। लुटेरे सीसीटीवी फुटेज में बैंक के बाहर पैदल ही जाते दिखे, उनके पास कोई वाहन नज़र नहीं आया। बैंक के पास में ही बड़ा सा स्टोर है, लेकिन किसी को इस लूट के बारे में पता नहीं चला। लुटेरे आसानी से भाग गए। बताया जा रहा है कि, दोनों लुटेरे बैंक के बगल में स्थित 17-18 नंबर गली की ओर से निकले थे।
घटना के बाद बैंक कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी और मैनेजर को पीबीएम अस्पताल भेजा गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पवन मीणा ने बताया कि लूट की वारदात के बाद शहर में नाकेबंदी कर दी गई है। सूचना मिलने पर, मौके पर सीओ सिटी सुभाष शर्मा पहुंचे। बाद में पुलिस अधीक्षक और बीकानेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक भी आए। पुलिस ने कहा, बदमाशों ने लूट के दौरान जो मोबाइल ब्रांच के अन्दर छीने थे, वह मोबाइल बैंक के पास में ही फेंक दिए गए थे ताकि उन्हें ट्रेस न किया जा सके। यह मोबाइल एक राहगीर ने पुलिस को सौंप दिए थे। साथ ही उन्होंने कहा कि, हो सकता है कि वे अपना वाहन इसलिए बैंक के सामने नहीं लाए, क्योंकि उन्हें जानकारी थी कि, सीसीटीवी फुटेज में उनका वाहन दिख जाएगा और वे पकड़ में आ जाएँगे। तभी उन्होंने अपना वाहन दूर पार्क कर घटना को अंजाम दिया और बाहर निकल कर फ़रार हो गए। हालांकि, अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। वहीं, किसी बैंक के किसी भी कर्मचारी को अभी तक मीडिया के सामने नहीं आने दिया गया। एफएसएल की टीम भी अपनी सबूत जुटा कर काम कर रही है।
इस प्रकरण को लेकर पुलिस का मानना है कि, कर्मचारी जिस तरह से घटनाक्रम को बता रहे हैं, उस हिसाब से लग रहा है कि लुटेरे किसी गैंग से नहीं थे बल्कि नौसिखिया थे। उन्होंने मौके पर बिना विरोध के फायरिंग की, जिससे लगता है कि वे घटना को अंजाम देते हुए घबरा रहे थे।
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