राष्ट्रव्यापी हड़ताल सफल, 2 हजार से अधिक कर्मचारियों व श्रमिकों ने लिया हिस्सा


कोटा। केन्द्रिय श्रम संगठनों इंटक, एटक, एच.एम.एस., सीटू, राज. टे्र. यू. केन्द्र, आरएमआरएसयू, बीमा, बैंक के सभी श्रमिकों एवं संगठित व असंगठित क्षेत्र की यूनियनें एवं अन्य शामिल संगठन द्वारा 8 जनवरी को होने वाली देशव्यापी हड़ताल में 2 हजार से अधिक कर्मचारियों, श्रमिकों ने विशाल रैली में भाग लिया।
केन्द्रिय श्रम संगठनों का संयुक्त मोर्चा के संयोजक मुकेश गालव ने बताया कि राजस्थान राज्य कोटा जिला के समस्त श्रमिक, देश के आमजन एवं श्रमिकों के हितों पर लगातार हो रहे कुठाराघात, सरकारी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र, असंगठित क्षेत्र एंव निजी कंपनियों में कार्यरत श्रमिकों की विभिन्न मांगों पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की जा रही है देश के श्रमिक कुल जनसंख्या के लगभग 50 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते है फिर भी केन्द्र सरकार, राज्य सरकारें मांगों की और ध्यान नहीं दे रही है। इन सभी मांगों को लेकर 8 जनवरी को 2 हजार से अधिक कर्मचारियों, श्रमिकों ने विशाल रैली में भाग लेकर केन्द्र व राज्य सरकार को दिखा दिया है कि अगर श्रमिकों की जायज मांगों को समय रहते पूरा नहीं किया तो सरकार इसका परिणाम भुगतने के लिये तैयार रहे।
प्रमुख माँगें:-

  1. सभी के लिये न्यूनतम वेतन 21 हजार रूपए प्रतिमाह से कम न हो तथा इसे मूल्य सूचकांक से जोड़ा जाये।
  2. स्थायी/बारह मासी कामों को लिये ठेका प्रथा बन्द हो। ठेका/संविदा/आउट सोर्सिंग कर्मचारी, जो नियमित कर्मचारी का कार्य कर रहे है उन्हें नियमित किया जाये। जब तक उन्हें नियमित नहीं किया जाता। नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन व भत्ता दिया जाये।
  3. बोनस और प्रोविडेण्ट फण्ड की अदायगी पर से सभी बाध्यता सीमा हटायी जाये, ग्रेच्यूटी का भुगतान 45 दिन प्रतिवर्ष के हिसाब से किया जाये।
  4. सबके लिये पेंशन सुनिश्चित किया जाये। ईपीएफओ द्वारा सभी को एक हजार की जगह कम से कम दस हजार रूपया प्रतिमाह पेंशन दिया जाये।
  5. केन्द्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन नीति को बहाल किया जाये। केन्द्र व राज्य कर्मचारियों को एक समान वेतन दिया जाये।
  6. रोजगार सृजन के लिये ठोस कदम उठाया जाये। केन्द्र व राज्य सरकार के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती की जाये। नियमित प्रकृति के कार्यों में कार्यरत सभी उद्योगों के संविदा/आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को नियमित किया जाये तथा कार्य के आधार पर आवश्यकतानुसार नई भीर्त की जाये ताकि बेरोजगारी दूर हो सके। स्थायी प्रकृति के काम पर स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति की जाये।
  7. मंहगाई पर रोक लगाने के लिये ठोस योजना बनाई जाये। सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्राणाली को मजबूत किया जाये एवं खाद्य पदार्थों पर वायदा कारोबार पर रोक लगाई जाये।
  8. श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाये तथा श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधनों को वापस लिया जाये।
  9. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये सर्वव्यापी सामाजिक सुरक्षा कानून बनाया जाये एवं राष्ट्रीय सुरक्षा कोष का निर्माण किया जाये।
  10. केन्द्र व राज्य के सार्वजनिक इकाईयों/अण्डर टेकिंग उपक्रमों के विनिवेश पर रोक लगाई जाये।
  11. ट्रेड यूनियनों का पंजीकरण 45 दिन की सीमा केअन्दर अनिवार्य किया जाये और आईएलओ कन्वेंशन के प्रस्ताव 87 व 98 का तुरन्त रेक्टीफिकेशन किया जाये।
  12. केन्द्र सरकार रेल, रक्षा बीमा, में विदेशी पंूजी निवेश पर रोक लगाये।
    अन्य मांगें:-
  13. स्कीम वर्कर्स-आंगनबाड़ी, मिड-डे मिल, आशा, रोजगार सेवक, ग्रामीण चौकीदार, पार्कों व स्मारको में कार्यरत कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाये। उन्हीं की तरह वेतन व अन्य हित लाभ दिये जाये।
  14. छठे वेतन आयोग के सिफारिशा के आधार पर सभी उद्योगों में कार्यस्थल पर दुर्घटना में मृत्यु होने पर संविदा-आउटसोर्सिंग कर्मचारी/नियमित कर्मचारियों के आश्रित को 10 लाख रूपया मुआवजा एवं आश्रित को नौकरी दिया जाये।
  15. प्रदेश में न्यूनतम वेतन के लिये समिति का गठन किया जाये।
  16. कोटा संभाग के बन्द कारखानों को पुन: चालू किया जाये।
  17. कार्यस्थल पर महिला श्रमिकों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराया जाये।
  18. किसानों के लिये स्वामीनांथन आयोग की सिफारिशे लागू की जाये।
  19. शहरी और ग्रामीण किसानों का बिजली किराया समान किया जाये।
  20. एएसआई कम्पनी रामगंजमंडी में कार्यरत श्रमिकों को अन्तरिम राहत प्रदान की जाये।
    आम हड़ताल को संयोजक मुकेश गालव एचएमएस की चम्पा वर्मा, इंटक के राजेश चौहान, रामलाल गुर्जर, एटक के हरिलाल, आरएमएसआरयू के प्रदेश अध्यक्ष राकेश गालव, सीटू के रविन्द्र सिंह, बैंक संगठन के पदम पाटौदी, रेलवे संगठन के इरशाद खान, बीमा संगठन के मनजीत सिंह, राज्य कर्मचारी संगठन के अजीम पठान ने संबोधित किया।