बड़ों के साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए भी सर्तकता बरती जाए

कोविड समीक्षा बैठक: जिला प्रभारी सचिव ने पंचायत स्तर पर डेली बेसिस पर मॉनिटरिंग के दिए निर्देश
जयपुर।
जयपुर जिले के प्रभारी सचिव तथा जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने अधिकारियों को जिले में पंचायत स्तर पर कोरोना की स्थिति की डेली बेसिस पर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बड़ों के साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए भी जिले में सर्तकता बरती जाए। श्री पंत की अध्यक्षता में सोमवार को कर भवन में जयपुर जिले में कोविड की स्थिति की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
प्रभारी सचिव ने वर्तमान में जिले में कोरोना रोगियों की पहचान एवं उपचार के लिए की जा रही व्यवस्थाओं के बारे में अधिकारियों से फीडबैक लेते हुए निर्देश दिए कि आगामी दिनों में किसी भी सम्भावित स्थिति के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ ही हर आयु वर्ग के लोगों के उपचार के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में व्यापक तैयारी की जाए। उन्होंने पंचायत स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग के साथ ही टेस्टिंग बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सीएचसी और पीएचसी स्तर पर ऑक्सीजन की व्यवस्था कर दी गई है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को अपने आस-पास ही इलाज मिल सकेगा।

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पंत ने जिले में ब्लैक फंगस के मामलों पर भी मेडिकल विभाग के अधिकारियों को इससे संबंधित दवाओं और अन्य आवश्यक संसाधनो की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिले में ब्लैक फंगस के 372 मामले सामने आए हैं जिनमें से 242 मरीजों की सर्जरी की जा चुकी हैं।
जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गौरव गोयल ने बताया कि जिले में बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए माइक्रो लेवल पर तैयारियां की जा रही है। बच्चों से संबंधित अस्पतालों में उपचार की व्यवस्थाओं पर पूरा फोकस है। जेकेलोन अस्पताल में 150 सिलेंडर क्षमता का प्लांट लगाया गया है। सीएचसी और पीएचसी पर भी बच्चों इलाज के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं।
वाणिज्यिक कर आयुक्त रवि जैन ने बताया कि जिले में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है। वर्तमान में ऑक्सीजन को लेकर स्थिति सामान्य है। जिले में ऑक्सीजन का पर्याप्त मात्रा में बफर स्टॉक उपलब्ध है। एक्टिव केसों में कमी आने के कारण ऑक्सीजन की मांग लगातार घट रही है।
जिला कलक्टर अंतर सिंह नेहरा ने बताया कि जिले में 3 लाख 74 से अधिक घरों को सर्वे कराया जा चुका है जिसमें करीब 18 लाख 64 हजार 358 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। आईएलआई मरीजों की पहचान कर उनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को मेडिकल किट भी दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भी कोरोना मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है। बैठक में सीएमएचओ प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा, द्वितीय डॉ. हंसराज भदालिया के अतिरिक्त अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।