Bengal में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनानों से पहले बंगाल में सियासी घमासान मचा है। इस बार बीजेपी की एंट्री ने ममता सरकार के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। इस बीच बीजेपी नेताओं के बंगाल दौरों से ममता सरकार की नींद उड़ी हुई है। गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में ममता सरकार पर जय श्रीराम के नारे लगाने की अनुमति नहीं देने पर निशाना साधा। शाह ने कहा अगर बंगाल में कोई जय श्रीराम का नारा लगाता है तो ममता दीदी नाराज हो जाती है। कूचबिहार में आयोजित रैली में शाह ने कहा कि अगर भारत में जय श्रीराम के नारे नहीं लगाएंगे तो क्या पाकिस्तान में लगाएंगे?
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अमित शाह ने ठाकुनगर में मथुआ समुदाय बहुल इलाके में पार्टी की रैली में कहा कि हम कोरोना टीकाकरम खत्म होने के बाद सीएए कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की शुरूआत करेंगे। शाह ने कहा कि विपक्ष नागरिकता कानूनों को लेकर अल्पसंख्यकों को गुमराह कर रहा है। लेकिन भारत के अल्पसंख्यों की नागरिकता पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
बंगाल चुनावों को लेकर बीजेपी नेताओं की यात्रा के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। सवाल ये भी है कि क्या नागरिकता कानून का मु्द्दा चुनावी हथियार बनेगा? बांग्लादेश से लाखों शरणार्थी बंगाल में बसे हुए हैं। ऐसे में 75 लाख शर्णार्थियों के लिए सीएए और एनआरसी बड़ा मुद्दा बनकर उभरेगा। बता दें कि पश्चिम बंगाल में आगामी कुछ महीनों के दौरान विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन चुनावों मे बीजेपी अबकी बार ममता के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश मे लगी है।
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