बालकनाथ सीएम की दौड़ में, अमित शाह और मोहन भागवत कर चुके तारीफ

राजस्थान विधानसभा चुनाव में राजस्थान की तिजारा सीट से बालकनाथ की जीत से बाद से लोगों में चर्चा है कि बालकनाथ का चेहरा सीएम के लिए हो सकता है। गौरतलब है कि चुनाव से पूर्व अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी बालकनाथ की तारीफ कर चुके हैं।
राजस्थान के अलवर जिले के कोहराना गांव में 16 अप्रैल 1984 को किसान सुभाष यादव के घर एक बच्चे का जन्म हुआ। घर का माहौल धार्मिक था। बच्चे के दादा फूलचंद यादव साधू-संतों की संगत में रहते थे। पिता सुभाष महंत खेतनाथ के शिष्य थे और उनके दरबार में आना जाना था।
महंत खेतनाथ ने इस बच्चे का नाम गुरुमुख रखा। गुरुमुख जब 6 साल के हुए तो उन्हें अध्यात्म की पढ़ाई के लिए खेतनाथ के नीमराना आश्रम भेज दिया गया। यहां औरों की तरह गुरुमुख भी संन्यासी जीवन जीने लगे। दीक्षा देने के बाद गुरुमुख को अस्थल बोहर में बाबा मस्तनाथ मठ के महंत चांदनाथ के पास भेजा। जिन्होंने गुरुमुख को बालकनाथ नाम दिया।

महंत चांदनाथ 1985 में बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बने। 2004 के लोकसभा चुनाव में अलवर सीट से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े और हारे। इसी साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में चांदनाथ बीजेपी से कोटपूतली जिले की बहरोड़ सीट से चुनाव लड़े और विधायक बन गए। 2014 में अलवर से फिर सांसद बन गए। इस दौरान बालकनाथ अपने गुरु चांदनाथ के साथ समर्पित भाव से लग रहे। 2016 में चांदनाथ ने बालकनाथ को उत्तराधिकारी चुन लिया। बालकनाथ अब महंत बालकनाथ बन गए। वो नाथ संप्रदाय के 8वें संत बने। जब बालकनाथ को संत चुना जा रहा था, तब उस कार्यक्रम में हिस्सा लेने सीएम योगी आदित्यनाथ और बाबा रामदेव भी पहुंचे थे। 17 सितंबर 2017 को चांदनाथ का निधन हो गया। 2019 में बीजेपी ने अलवर लोकसभा सीट से चांदनाथ के शिष्य बालकनाथ को ही टिकट दिया। महज 35 साल की उम्र में वो चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। इस वक्त वह नाथ संप्रदाय के दूसरे सबसे बड़े महंत हैं।