संसद की सुरक्षा में सेंध मामला
नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च सुरक्षा वाली संसद में बीच कार्यवाही के दौरान सुरक्षा में सेंध के मामले में गिरफ्तार नीलम आजाद की शीघ्र सुनवाई (अरली हेयरिंग) किए जाने वाली याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने सूचीबद्ध करने से इंकार किया है। नीलम ने याचिका में कहा कि उसकी पुलिस हिरासत अवैधानिक है।
नीलम ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उसकी पुलिस हिरासत अवैध है। नीलम ने याचिका में आरोप लगाया कि उसकी पसंद के वकील से चर्चा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है ताकि अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान उसका पक्ष रख सके।
आरोपी के वकील ने न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्ण एवं न्यायमूर्ति शैलिन्दर कौर की अवकाश पीठ के समक्ष मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। इस पर पीठ ने कहा कि मामले में जल्दबाजी की जरुरत नहीं है। पीठ ने कहा कि इसे तीन जनवरी को लिया जाएगा। कोई ऐसी आवश्यकता नहीं है।
नीलम आजाद के वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल ने हिरासत के आदेश को चुनौती दी है और उसकी पुलिस हिरासत की अवधि पांच जनवरी को समाप्त हो रही है। अदालत ने इसे अस्वीकार करते हुए कहा कि हिरासत की अवधि समाप्त होने से पहले सुनवाई के लिए अब भी पर्याप्त वक्त है।
गौरतलब है कि संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन 13 दिसंबर 2023 को संसद की सुरक्षा में सेंध की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई थी जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो युवक सदन के भीतर कूद गए और नारेबाजी करते हुए स्प्रे द्वारा पीले रंग का धुआं फैला दिया था।
घटना के बाद दोनों को पकड़ लिया गया था। इस घटना के कुछ देर बाद ही इसी मामले में संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक महिला नीलम सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया था।