केन्द्रीय श्रम संगठन संयुक्त मोर्चा: आयुध कारखानों के निजीकरण रोकने के लिए प्रदर्शन

कोटा। केन्द्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त मोर्चे के आह्वान पर सम्पूर्ण देश में 23 जुलाई को विशाल प्रदर्शन किया गया। कोटा में कोटा जिलाधीश कार्यालय पर 11 बजे विशाल प्रदर्शन कर नारेबाजी की गई। मोर्चा के संयोजक मुकेश गालव ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा आयुध कारखानों के निजीकरण के लिए कठोर अध्यादेश, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, रक्षा उत्पादन क्षेत्र और रक्षा उत्पादन के चल रहे संघर्षों को अपना सक्रिय समर्थन दोहराते हुएए कर्मचारियों को निजीकरण के खिलाफ और राष्ट्रीय हितों की रक्षा में केन्द्रीय श्रम संगठनों के देशव्यापी आव्हान पर देश में श्रमिकों के ज्वलंत मुद्दों को लेकर विरोध दिवस मनाया जा रहा है।
इसी संदर्भ में केन्द्रीय श्रम संगठनों ने इस बात को नोटिस किया है कि रक्षा संबंधी उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा है जिसे 100 प्रतिशत स्वदेशी एवं विदेशी एफडीआई के द्वारा आउटसोर्स किए जाने की साजिश है। केन्द्रीय श्रम संगठनों ने जल्दबाजी में लिये गए इस फैसले की निन्दा की है और शुक्रवार अखिल भारतीय स्तर पर सरकार के इस कठोर अध्यादेश को तुरन्त वापिस लेने की अपील करते हुए एक दिवसीय विरोध दिवस के माध्यम से सांकेतिक कदम उठाया है। सभी केन्द्रीय श्रम संगठनों ने भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए आग्रह किया है कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये आयुध कारखानों के कॉर्पोरेशन में तब्दील करने के आदेश निरस्त करें अन्यथा सभी केन्द्रीय श्रमिक संगठन देशव्यापी आन्दोलन के लिए मजबूर होगें। इसकी पूरी जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी। प्रदर्शन में इंटक के रामलाल, एटक के हरिलाल, हिन्द मजदूर सभा के इरशाद खान, सीटू के उमाशंकर, टीएन तिवारी, बैंक के पदम पाटौदी, वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन के नरेश मालव सहित सैंकड़ों व्यक्यिों ने भाग लिया।