शिक्षकों एवं प्रबोधकों के फिक्सेशन परीक्षण के लिए कमेटी गठित

करौली। शिक्षा निदेशक द्वारा पत्र जारी कर राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अध्यापक भर्ती 2007 व प्रबोधक नियुक्ति 2008 अंतर्गत फिक्शेसन त्रुटि सुधार परीक्षण के लिए कमेटी का गठन किया गया है। राजस्थान समग्र शिक्षक संघ जिला करौली के जिला अध्यक्ष रूपसिंह गोरेहार ने बताया कि छठवां वेतनमान प्रदेश में एक जनवरी 2006 से लागू माना गया था। इस वेतनमान में वित्त विभाग की अधिसूचना अनुसार अध्यापकों एवं प्रबोधक के ग्रेड पे में भर्ती कर 1 जुलाई 2013 से लागू माना गया था। तदनुसार सन 2007 एवं 2009 के मध्य नियुक्त अथवा 2013 से पूर्व परिवीक्षा काल पूर्ण करने वाले अध्यापकों एवं प्रबोधको की न्यूनतम वेतन गणना 11170 के आधार पर की गई थी, जबकि वित्त विभाग की अधिसूचना के अनुसार न्यूनतम वेतन की गणना 12900 के आधार पर की जानी चाहिए थी। जब वेतनमान एक जनवरी 2006 से लागू माना गया था तो वित्त विभाग की अधिसूचना अनुसार यह गणना भी एक जनवरी 2006 के आधार पर मानी जाकर 12900 के आधार पर वेतन गणना कर तदनुसार वेतन वृद्धिया जोड़ी जानी चाहिए थी। इस संबंध में समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर उदयसिंह डिंगार, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष यशवीर सिंह चौहान व महामंत्री हरीश चंद्र प्रजापति के द्वारा बार-बार मांग की जाने पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा जारी पत्र दिनांक 27 जुलाई 2021 द्वारा परीक्षण हेतु कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें निदेशालय के वित्तीय सलाहकार, मुख्य लेखाधिकारी, सहायक निदेशक एवं लेखा अधिकारियों को शामिल करके वित्त विभाग के नियम 28 के तहत परीक्षण कर उचित प्रस्ताव के लिए निर्देश दिए गए हैं। जिलाध्यक्ष गोरेहार ने बताया कि एक ही वेतनमान अन्तर्गत एक ही पद की दो अलग अलग वेतन आधार पर गणना किया जाना नियमों के खिलाफ है। 2006 के बाद एवं 2013 से पहले नियुक्त समस्त अध्यापकों एवं प्रबोधको के न्यूनतम वेतन गणना 12900 आधार पर कर तदनुसार वेतन वद्धियां जोडी जानी चाहिए।