Corona Epidemic:
कलेक्टर की स्ट्रेटेजी से जिले में स्थितियां रही सकारात्मक
सवाई माधोपुर। कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के दौरान जनता को संक्रमण से बचाने के लिए सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन दिन-रात मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। उनकी कर्मठता का ही यह सुखद परिणाम है कि अन्य जगहों की तुलना में सवाई माधोपुर जिले की स्वास्थ्य सेवाएं एवं कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को रोकने में स्थिति काफी बेहतर हैं। यहां यह भी बताना गौरतलब होगा कि देश भर में कोरोना महामारी व ब्लैक फंगस बीमारी के चलते ंबडी संख्या में लोग संक्रमित हुए तथा कई की जान जा चुकी है। लेकिन यदि हम सवाई माधोपुर जिले पर नजर डालें तो यहां हालात काफी बेहतर हैं, जहां मरीजों को अस्पतालों में बेड भी मिल रहे हैं। वहीं अन्य संसाधनों की भी समुचित उपलब्धता है। इन सबके पीछे जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन की सूझबूझ तथा हर स्थिति पर खुद नजर रखते हुए सतत मॉनिटरिंग करना है। कलेक्टर की इस कार्यशैली की बदौलत ही सवाई माधोपुर जैसा काफी पीछे माना जाने वाला जिला कोरोना जैसी महामारी के दौर में भी बेहतर स्थिति में खड़ा हुआ है। जिला कलेक्टर, प्रशासन, पुलिस अधीक्षक एवं उनकी टीम, पुलिस, चिकित्सा सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थ वर्कर्स के साथ जिले के जन प्रतिनिधियों की सक्रियता, सेवा की भावना एवं उनके द्वारा किए गए प्रयास भी कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में काफी मददगार रहे।
दरअसल सवाई माधोपुर जिला कलक्टर राजेन्द्र किशन अपनी पूरी टीम के साथ दिन-रात आमजन को संक्रमण से बचाने हेतु उन्हें अच्छी से अच्छी सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रयास में लगे रहते हैं जो अलसुबह से ही अपने अधीनस्थों को आवश्यक दिशा-निर्देश देने के साथ ही उनके अमल होने तक उसकी मॉनिटरिंग करते हैं। जिला कलक्टर की इस मुस्तैदी के चलते संबंधित अधिकारी भी पूरे समर्पण तथा सेवाभावना के साथ जुटकर कलेक्टर के नेतृत्व में बेहतर कार्य कर रहे है।
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कोविड सेंटर व हॉस्पिटल का सतत निरीक्षण, स्थानीय स्तर पर उपचार की व्यवस्था:- जिला कलेक्टर ने स्वास्थ्य सेवाओं एवं व्यवस्थाओं की लगातार मॉनिटरिंग की। अस्पतालों का सतत निरीक्षण किया तथा स्थानीय सीएचसी/पीएचसी स्तर पर कोविड मरीजों के उपचार की व्यवस्था शुरू करवाई। निरीक्षण के दौरान आमजन से भी रूबरू होकर वस्तु स्थिति को समझा, जिससे जिले भर में स्वास्थ्य सेवाएं पहले से काफी बेहतर हो गई हैं। इसी के साथ अस्पतालों में समय की नजाकत को देखते हुए अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करवाई। कोविड केयर सेंटर बनाए गए। अस्पतालों में आवश्यक संसाधनों को बढाया गया।
अधीनस्थों की परेशानी भी सुलझाते हैंः- जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन बेहद संवेदनशील हैं जो आमजन की समस्याओं का निराकरण करने को तो सदैव तत्पर रहते ही हैं, इसके अलावा अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारियों की परेशानी को सुलझाने में भी पारिवारिक मेंबर की भांति मशविरा देते हैं। यही वजह है कि जिला कलेक्टर आमजन के साथ ही अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारियों के भी काफी चहेते बन गए हैं।
डोर टू डोर सर्वे एवं दवा किट वितरण बना संजीवनी: कलेक्टर राजेन्द्र किशन द्वारा कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए ग्राम स्तर पर विशेष प्रयास किए गए। सरकार के निर्देश पर डोर टू डोर सर्वे को सतत रखा। आईएलआई के लक्षण वाले लोगों को दवा किट का वितरण करवाया। इससे यह फायदा मिला कि प्राथमिक स्टेेज पर ही संभावित संक्रमितों को दवा मिलने से कोरोना बढ नहीं पाया। यह स्ट्रेटेजी जिले के लिए संजीवनी का काम कर गई।
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मेडिकल ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर के लिए पूरी पारदर्शिताः कलेक्टर ने मेडिकल ऑक्सीजन जरूरत मंद को समय पर मिले इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी। उन्होंने पारदर्शिता रखते हुए ऐसी व्यवस्था बनवाई कि ऑक्सीजन का दुरूपयोग भी नहीं हो तथा जरूरतमंद को समय पर ऑक्सीजन एवं पारदर्शिता से रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध हो सके। इसी व्यवस्था का यह असर रहा कि अस्पताल में सब कुछ पारदर्शिता के साथ समय पर मरीजों को मिलता रहा तथा जिले में कोरोना संक्रमण का प्रसार लगातार गिरता जा रहा है।
मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी को दिया बढावा: कलेक्टर ने गाइड लाइन की सख्ती से पालना करवाने के लिए अधिकारियों की टीमे लगाई। वहीं मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी को बढावा देते हुए स्थानीय स्तर पर बनाई गई पंचायत एवं ग्राम स्तरीय कोर कमेटियों को निगरानी, सर्वे तथा दवा किट वितरण के लिए सक्रिय किया। इसी के साथ ग्राम स्तरीय कोर कमेटियों ने माइक्रो कंटेनमेंट जोन की सक्रियता से पालना करवाई।
विवाह स्थगित करवाने की समझाईश के लिए अधिकारियों की नियुक्तिः कोरोना संक्रमण के प्रसार में विवाह समारोह, प्रीतिभोज आयोजन का भी बडा योगदान रहा। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोच के अनुसार पहले अक्षय तृतीया एवं बाद में पीपल पूर्णिमा पर होने वाले प्रस्तावित विवाह समारोहों को स्थगित करवाने के लिए लोगों से समझाईश के लिए जिला स्तर से अधिकारियों की टीमें भेजी गई। इन टीमों ने प्रत्येक विवाह आयोजक के घर-घर जाकर समझाईश की। कईयों ने विवाह स्थगित कर दिए। कईयों ने अति आवश्यक होने की स्थिति में केवल अनुमत 11 लोगों की उपस्थिति में प्रोटोकॉल की पालना करते हुए विवाह सम्पन्न करवाए। इसी का परिणाम यह रहा कि कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने में काफी हद तक सफलता मिली। जिले के लिए दो अतिरिक्त आरएएस अधिकारियों की ड्यूटी लगवाकर उन्हें सवाई माधोपुर एवं गंगापुर सामान्य चिकित्सालयों की सभी प्रकार की व्यवस्थाओं का जिम्मा सोंपा। इसी प्रकार उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार को जिम्मेदारी देकर लगातार फील्ड में मॉनिटरिंग के लिए भिजवाया। गाइड लाइन की पालना सख्ती से करवाने से जिला कोरोना से लडी जा रही लडाई में जीतने की ओर अग्रसर है।