गांधी जयन्ती पर दिव्यांग बच्चों को शिविर में मिला परामर्श का लाभ

-लॉयन्स क्लब सार्थक की ओर से आयोजन

-जिला कलक्टर, एसपी व सभापति ने कार्यक्रम में की शिरकत

-वेबसाइट व दिव्यांगजन वाहिनी का शुभारंभ

गंगापुर सिटी। लॉयन्स क्लब सार्थक की ओर से सोमवार को गांधी जयन्ती के उपलक्ष्य में दिव्यांगजन सहायता व परामर्श शिविर अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित किया गया। इस दौरान पंजीकृत 35 बच्चों की स्क्रीनिंग परीक्षण और मूल्यांकन के बाद 24 बच्चों को क्लब की ओर से संचालित विभिन्न सेवा प्रकल्पों से जोडऩे के लिए चिह्नित किया गया। इस मौके पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में जिला कलक्टर अंजली राजोरिया, विशिष्ट अतिथि के रुप में पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र विश्नोई व सभापति शिवरतन अग्रवाल मौजूद थे। अध्यक्षता क्लब अध्यक्ष डॉ. मुकेश गर्ग ने की। सचिव ललित किशोर, कोषाध्यक्ष मयंक शर्मा व कार्यक्रम संयोजक पवन गुप्ता भी मंचासीन थे।

अध्यक्ष डॉ. गर्ग ने क्लब की सेवा गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। साथ ही बताया कि क्लब सार्थक का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट दिव्यांगजन बच्चों के लिए है। क्लब इन बच्चों को शिविर के माध्यम से चिह्नित करता है और विभिन्न सेवा प्रकल्प, जो गर्ग हॉस्पिटल व प्रगति फिजियोथेरेपी तथा भामाशाह से मिले सहयोग से संभव होते हंै। सेवा प्रकल्पों में मुख्य रूप से निशुल्क फिजियोथेरेपी, व्यायाम थेरेपी, भाषा थेरेपी, करेक्टिव सर्जरी और प्लास्टर शामिल है। वीडियो के माध्यम से भी क्लब की गतिविधियां व मिशन के बारे में अवगत कराया गया। गौरतलब है कि गर्ग हॉस्पिटल के सहयोग से निशुल्क परामर्श ओपीडी प्रत्येक बुधवार को आयोजित होता है। दिव्यांगजन बच्चों की आवश्यकता को देखते हुए उन्हें गंगापुर सिटी या आसपास के गांवों से फिजियोथेरेपी केन्द्र पर लाने के लिए दिव्यांगजन वाहिनी का अतिथियों द्वारा फीता काटकर शुभारंभ किया गया। साथ ही लॉयन्स सार्थक सेवा संथान की आधिकारिक वेबसाइट भी लाँच की गई। दिव्यांगजन वाहिनी गर्ग हॉस्पिटल के सहयोग से संचालित होगी। सभापति अग्रवाल ने क्लब द्वारा दिव्यांगजन बच्चों के लिए किए जाने वाले विशेष कार्यक्रमों की प्रशंसा की।

पुलिस अधीक्षक ने पीडि़त मानवता के कल्याण के लिए सार्थक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि समाज को अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिए। दिव्यांगजन बच्चों को आशा दिलाना और इनका आवश्यक हक दिलाना समाज की जिम्मेदारी है। जिला कलक्टर ने कहा कि क्लब के कार्य सराहनीय है। इस प्रकार के सेवा प्रकल्पों पर सरकार भी सहयोग करेगी ताकि इन बच्चों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। संयोजक पवन गुप्ता ने बताया कि इन सेवा प्रकल्पों पर होने वाले व्यव के लिए गरबा चैरिटी इवेंट्स आयोजित किया जा रहा है। इससे प्राप्त राशि दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए खर्च की जाएगी।

कार्यक्रम में दानदाताओं को सेवा सारथी सम्मान से सम्मानित किया गया। शिविर में 15 बच्चे सेरिब्रल पॉल्सी, 5 बच्चे जन्मजात विक्रांति, 5 बच्चे डाउन सिंड्रोम, 4 बच्चे सुनाई देने में समस्या और बोल चाल की समस्या के थे। शेष 6 बच्चों में से 4 बच्चों को सिर्फ दिव्यांगता प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी। उन्हें राजकीय अस्पताल से संपर्क करने के लिए कहा गया। एक बच्चे को विशेष शिक्षा की आवश्यकता को देखते हुए उसे मार्गदर्शित किया गया। बच्चों को सुविधाजनक वातावरण देने के लिए शिविर में ही किड्ज़ जोन बनाया गया। बच्चों के लिए बॉल, साइकिल, घोड़ा आदि खिलौने रखे गए थे। भूपेश गर्ग, डॉ. राजेश गर्ग, डॉ. के. के. वैष्णव, अमन वर्मा, डॉ. समीर विश्वास, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश गर्ग और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल टोड़वाल, ईएनटी प्रोफेसर जीएमसी कोटा डॉ. विजय मीना, प्रगति फिजियो सेन्टर के डॉ. शिवम राजपूत आदि ने शिविर में सेवा प्रदान की।