गहलोत, वसुंधरा और गजेंद्र सिंह की ‘चर्चा’ की हो रही ‘चर्चा’

करीब एक माह की सियासी उधेड़बुन, चुनाव, चुनाव परिणाम के दौरान और बाद में भी कई तस्वीरें देखने को मिली। चुनाव प्रचार के दौरान कहीं कार्यकर्ता अपने अपने प्रत्याशी के समर्थन में आपस में भिड़ रहे थे। कहासुनी, आरोप-प्रत्यारोप और मुकदमे तक की स्थिति कई जगह आई। इन सभी से उलट 15 दिसंबर को जब राजस्थान के मुख्यमंत्री का ताज पहनने की शपथ भजनलाल शर्मा सहित दो डिप्टी सीएम ने ली, उस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर काफी देर तक एक दूसरे से हंसी-मजाक करते रहे। ऐसे में इन तीनों के बीच हुई चर्चा ही सियासत में चर्चा का कारण बन गई।

सियासी पंडितों के मुताबिक अब तक पूर्व सीएम अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की जहां मिलीभगत बताई जाती रही है, वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर संजीवनी घोटाले को लेकर चर्चा में रहे हैं। वसुंधरा राजे और गजेंद्र सिंह खीवसर कुछ दिन पहले तक राजस्थान के मुख्यमंत्री के लिए चर्चाओं में थे। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वसुंधरा राजे को लेकर यह तक कह चुके चुके हैं कि जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर उनकी सरकार गिराने की कोशिश की गई तब राजे के कारण ही उनकी सरकार बची। हालांकि राजे ने इसका खंडन भी किया औऱ चुनाव के दौरान गहलोत सरकार पर हल्ला बोला था।

इसी तरह राजस्थान में हुए संजीवनी घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर को न केवल घेरा बल्कि उनके खिलाफ एसओजी की ओर से एफआईआऱ तक दर्ज कराई गई थीं। इन एफआईआर को निरस्त कराने के लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की ओर से कोर्ट में याचिका लगाई हुई है। वहीं गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस कर रखा है। इसमें गहलोत के खिलाफ ट्रायल करने की मंजूरी दी जा चुकी है।