कुरुक्षेत्र महापंचायत को राकेश टिकैत ने संबोधित कर कृषि कानूनों को सरकार से वापस लेने की मांग की। टिकैत के समर्थन में इससे पहले हरियाणा के जिंद में भी हजारों किसान जुटे थे। एक बार फिर से किसानों की बड़ी संख्या में एकत्रित होना सरकार के सामने एक चुनौती बना हुआ है। बता दें कि कुरुक्षेत्र के गांव गुमथलागढू में आज किसानों की महापंचायत हुई। इस पंचायत में प्रदेशभर से किसान जुटे हैं। किसान नेता राकेस टिकैत दोपहर तीन बजे गुमथलागढू अनाज मंडी पहुंचकर महापंचायत में भाग लिया।
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इस दौरान टिकैत का जोरदार सम्मान किया गया। इसके बाद मंच से टिकैत ने किसानों को संबोधित किया। उन्होने कहा कि कुरुक्षेत्र न्याय की धरती है जहां से न्याय होगा। आदमी के जीवन से पुत्र से प्यारी कोई चीज नहीं होती लेकिन किसान जीते जी अपनी जमीन अपने बेटे के नाम नहीं करता।इसलिए जमीन पुत्र से प्यारी हुई और ये आंदोलन भी जमीन के लिए ही है। टिकैत ने कहा कि हमने दो अक्टूबर तक का समय दिया है। सरकार गलतफहमी में ना रहे कि किसान घर चला जाएगा।
गणतंत्र दिवस से पहले किसान आंदोलन की बागड़ोर पंजाब और हरियाणा के किसानों के हाथों में थी लेकिन अब पूरी तरह से राकेश टिकैत ने कमान संभाल रखी है। किसानों की खाफ पंचायतों ने केंद्र सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। जींद के कंडेला, रोहतक के बाद भिवानी की किसान महापंचायत में हरियाणा की 150 खाप पंचायतें टिकैत के समर्थन में आ गई है।
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