26 जनवरी के दिन दिल्ली में हुई किसान हिंसा के बाद गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस फोर्स की तैनाती आंदोलन को खत्म करने की ओर इशारा थी। लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भावुक होने के बाद से पूरा मामला पलट गया। टिकैत ने कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।
टिकैत के आंसुओं के बाद पूरा माहौल एकदम से बदल गया। गाजीपुर बॉर्डर से बिस्तर समेट रहे किसानों ने फिर से डेरा जमा लिया और पुलिस फोर्स को पीछे हटना पड़ा। भारतीय किसान यूनियन के लंबे समय तक राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे महेंद्र सिंह टिकैत ने कई बार केंद्र और राज्य सरकारों को अपनी मांगो के सामने झुकने को मजबूर किया। पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राकेश टिकैत ने दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़ी। एक बार फिर से दिल्ली किसान ट्रैक्टर रैली हिंसा को लेकर नोटिस जारी किया गया है।
भारतीय किसान यूनियन के लोग 28 नवंबर से गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं। आज मुजफ्फरनगर में महापंचायत होगी। बताया जा रहा है कि जैसे ही टीवी पर राकेश टिकैत के रोने की तस्वीर आई तो करीब 5000 किसान उनका समर्थन करने के लिए जुट गए। इससे पहले पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों को गुरुवार आधी रात तक यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया था। दिल्ली की सीमा से सटे गाजीपुर बॉर्डर पर टकराव के हालात को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी।