Farmers Protest: पश्चिम यूपी से अवध-पूर्वांचल तक महापंचायतें, जानें बीजेपी को क्यों सता रही चिंता?

Farmers Protest: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को 85 दिन हो गए हैं। 24 फरवरी को बाराबंकी और 25 फरवरी को बस्ती में महापंचायत का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनिय के प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा ने बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में हम प्रदेश भर में किसान पंचायत करेंगे।
पश्चिम यूपी को तेजी से अपनी जद में लेने के बाद किसान आंदोलन का दायरा सूबे में तेजी के साथ बढ़ रहा है। भारतीय किसान यूनियन अवध और पूर्वांचल के जिलों में भी किसान महापंचायतें करने की तैयारी में है। पंजाब से शुरू हुआ आंदोलन दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर तक जा पहुंचा। किसान आंदोलन की आंच उत्तर प्रदेश के अलग-अलग राज्यों में भी फैल रही है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत की आंखों से निकले आंसुओं ने किसान आंदोलन को एक तरफ संजीवनी देने के साथ-साथ यूपी की सियासत को भी गर्मा दिया है। बाराबंकी के हैदरगढ़ में 24 फरवरी को किसान यूनियन के प्रमुख नरेश टिकैत महापंचायत को संबोधित करेंगे। इसके बाद 25 फरवरी को पूर्वांचल के बस्ती जिले के मुडेरवा में भी किसान महापंचायत को नरेश टिकैत संबोधित करेंगे।

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बता दें कि केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार इन कानूनों को वापस लेने की बजाय संशोधन को तैयार है। यूपी में विधानसभा चुनाव पर किसान महापंचायतों का बड़ा असर हो सकता है।खबरों से अपडेट रहने के लिए BADHTI KALAM APP DOWNLOAD LINK: https://play.google.com/store/apps/details?id=com.badhtikalam.badhtikalam&hl=en&gl=US