पुजारी की हत्या: मंदिर की जमीन के विवाद में पुजारी को पेट्रोल डालकर जलाया था, जयपुर में मौत

badhtikalam.com बूकना (सपोटरा)। मंदिर की जमीन के विवाद में पुजारी को पेट्रोल डालकर जलाने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। आग से झुलसे पुजारी की गुरुवार देर शाम जयपुर के एसएमएस अस्पताल में मौत हो गई। आरोपी ने बुधवार को वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस के मुताबिक, वारदात में मारे गए पुजारी बाबूलाल वैष्णव ने बताया था कि बुधवार को आरोपी कैलाश मीणा अपने साथियों शंकर, नमो, किशन, रामलखन के साथ मंदिर के बाड़े पर कब्जा कर छप्पर तानने लगा था। इस दौरान बाबूलाल ने विरोध किया तो आरोपियों ने उसे पेट्रोल डालकर आग लगा दी। पुलिस को दिए बयान में वैष्णव ने यह भी कहा कि मेरा परिवार 15 बीघा मंदिर की जमीन पर खेती करता है। पूरे मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी कैलाश मीना निवासी बूकना थाना सपोटरा को घटना के 24 घंटे के अन्दर गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, बाकी आरोपियों की तलाश की जा जारी है।

कैसे शुरू हुआ विवाद

मृत पुजारी बाबूलाल वैष्णव बूकना गांव के पुराने राधाकृष्ण मंदिर में पूजा अर्चना करते थे। जिसको ग्रामीणों ने कृषि भूमि दान की थी। जो राजस्व रिकॉर्ड में मंदिर माफी में दर्ज है। जहां पुजारी अपने परिवार के साथ रहता था। करीब एक माह पूर्व पुजारी ने पहाड़ की भूमि पर जेसीबी चलाकर छप्पर मकान के लिए भूमि समतलीकरण कर रहा था। जिस पर गांव के ही एक व्यक्ति ने जबरदस्ती मालिकाना हक जताकर छप्परपोश तान रहा था। जिसकी पुजारी ने पंच-पटेलों से भी शिकायत की थी तथा 4-5 दिन पूर्व भी गांव के 100 घरों की बैठक हुई थी। जिस पर पंच पटेलों ने पुजारी की जमीन बताकर अतिक्रमणकारी से किसी प्रकार के निर्माण या कब्जा करने के लिए मना किया था। लेकिन बुधवार को आरोपी पक्ष जबरन छप्पर तान रहा था। जिससे यह घटना हुई है।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बोले- अपराधियों में कानून का भय समाप्त हो चुका

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया बोले प्रदेश में हर तरह के अपराधों की घटनाएं बढ़ती जा रही है। सपोटरा में मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाने की घटना यह दर्शाती है कि अपराधियों में कानून का भय समाप्त हो चुका है। प्रदेश की जनता भयभीत है, डरी हुई है, सहमी हुई है, आखिर गहलोत जी आप कब तक अपराधियों के मसीहा बनकर रहोगे?

एसएमएस की मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे लोग

पुजारी की मौत की सूचना मिलते ही कई संगठन के लोग एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे। जिन्होंने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग रखी।

विवाद कैसे शुरू हुआ?
बाबूलाल वैष्णव सपोटरा तहसील के बूकना गांव के पुराने राधाकृष्ण मंदिर में पूजा करते थे। ग्रामीणों ने मंदिर के लिए खेती की जमीन दान दी थी, जो राजस्व रिकॉर्ड में मंदिर माफी में दर्ज है। करीब एक महीने पहले कुछ लोग जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करने लगे। पुजारी ने पंच-पटेलों से शिकायत की थी। 4-5 दिन पहले भी गांव के 100 घरों की बैठक हुई थी, जिसमे पंचों ने पुजारी का समर्थन किया था।