वर्ड वॉचिंग सेंटर बन सकता है नाजिम वाला तालाब!

नाजिम वाले तालाब पर वर्डवॉक का आयोजन

गंगापुर सिटी। राजनीतिक इच्छा शक्ति प्रबल हो तो गंगापुर शहर वर्ड वॉचिंग सेंटर बन सकता है। इसके लिए डॉ. मुकेश गर्ग अपने अथक प्रयास करने में जुटे हुए हैं। वे सप्ताह में दो दिन नाजिम वाले तालब पर वर्ड वॉच कर अपने कैमरे में कैद करते हैं।

शहर के नाजिम वाले तालाब पर रविवार को गंगापुर सिटी वर्ड वाचिंग वर्ड वॉक का सफल आयोजन किया गया। गंगापुर सिटी वर्ड वॉक का उद्देश्य शहरवासियों को नाजिम वाले तालाब में वर्ड वॉचिंग के सेंटर को डेवलप करने के उद्देश्य से एक जागरूकता लाना है।
कार्यक्रम में नगर परिषद् सभापति शिवरतन अग्रवाल ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ. मुकेश गर्ग पिछले तीन माह से नाजिम वाले तालाब में विदेशों से आए प्रवासी पक्षियों को बड़ी नजदीकी से देख रहे हैं। लगभग 50 से अधिक प्रवासी पक्षियों के निकट से फोटोग्राफ्स अपने कैमरे में कैद किए। उनकी जानकारी हासिल की। उन्होंने सोशल मीडिया पर वह जानकारी शेयर करके इस जगह के पोटेंशियल के बारे में बताया। उनका कहना है कि यह जगह अगर वर्ड वॉचिंग सेंटर के रूप में डवलप की जाए तो यहां पर देश-विदेश से हजारों पक्षी विशेषज्ञ, वन्य जीव प्रेमी और पक्षी प्रेमियों को आकर्षित किया जा सकता है। एक अच्छी खासी टूरिस्ट इंडस्ट्री यहां पर डवलप हो सकती है।

डॉ. गर्ग ने बताया कि यह नाजिम वाला तालाब किसी भी प्रकार से वल्र्ड फेम देव नेशनल पार्क से कम नहीं है। यहां पर आने वाले पक्षियों के लिए प्रवास की समुचित सुविधाएं जैसे भोजन नेस्टिंग का स्थान आदि उपलब्ध है। केवल आवश्यकता है तो उन्हें एक संरक्षण प्रदान करने की। सुरक्षा प्रदान करने की। इसके लिए अगर नगर परिषद् फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, बॉयोडायवर्सिटी डिपार्टमेंट सभी एकजुट होकर काम करे तो यह आने वाले दिनों में एक बहुत अच्छा वर्ड कंजर्वेशन सेंटर वर्ड नेशनल पार्क बन सकता है।

इस कार्यक्रम में गंगापुरवासी प्रकृति प्रेमियों ने अच्छा उत्साह दिखाया। बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। इस अवसर पर मीडियाकर्मी मौजूद रहे। सभी ने ग्राउंड रिपोर्ट वहां से लेकर और अपने-अपने चैनल के माध्यम से इस कार्यक्रम का विस्तार, जानकारी देश-विदेश में पहुंचाई।
डॉ. मुकेश गर्ग ने बताया कि ऐसे वर्ड वॉक कार्यक्रम आगे भी आयोजित करते रहेंगे, जिससे प्रकृति प्रेमियों का पर्यावरण के प्रति प्रेम जागृत हो। पक्षियों के प्रति तथा नेचर के प्रति लगाव महसूस हो। प्रकृति के इस सौंदर्य को सभी महसूस कर सके।

नगर परिषद् सभापति शिवरतन अग्र्रवाल ने पूरे क्षेत्र का अवलोकन किया। जो समस्याएं इस क्षेत्र को डवलप करने में आ सकती है, उनके बारे में पूरी जानकारी ली। साथ यह वायदा किया कि वह सभी संबंधित डिपार्टमेंट की एक कमेटी बनाकर, इस पर एक मास्टर प्लान बनाकर और इस महत्वपूर्ण योजना को अंजाम देंगे। सबसे ज्यादा जरूरी जो स्टेप है वह यह है कि वहां पर मछली का ठेका बंद किया जाए। तालाब वाले एरिया को मार्क कर सिक्योर किया जाए, जिससे वहां पर अतिक्रमण नहीं हो। पानी के भराव का भी समुचित ध्यान दिया जाए। साथ ही टूरिस्ट के लिए समुचित एप्रोच वाले मार्ग बनाए जाए।