निजी चिकित्सालय, मरीजों से अनावश्यक व अनियमित राशि नहीं वसूलें

सवाई माधोपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निर्देशांे के अनुसार जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाडिया ने सभी उपखंड अधिकारियों एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निजी चिकित्सालयों को मरीजों से अनावश्यक व अनियमित राशि नहीं वसूलनें के लिए पाबंद करें। उन्होंने प्रसूता के परिजनों से पीपीई किट एवं स्टाफ के नाम पर अनावश्यक राशि वसूलने व सामान्य प्रसव को भी अति-आवश्यक बताकर सिजेरियन प्रसव कराने की शिकायत के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सवाई माधोपुर को निर्देशित किया है कि वे समस्त निजी चिकित्सालयों को इसके लिए पाबन्द करावें। साथ ही रेन्डम बेसिस पर इन चिकित्सालयों में भर्ती प्रसूताओं एवं अन्य महिलाओं से वार्ता कर अनावश्यक ली गई राशि के बारे में ज्ञात करें। साथ ही इस अवधि में अप्रत्याशित सिजेरियन प्रसव संख्या अधिक पाई जाती है तो तत्काल पाबन्द करें। जिले में सभी निजी चिकित्सालयों के परिसर में जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम के फोन नम्बर भी चस्पा करावें, इस प्रकार के प्रकरणों की कहीं भी शिकायत आती है तो प्रभावी कार्यवाही करें तथा स्थानीय मीडिया के माध्यम से आमजन में जागरूकता फैलाते हुए संस्थागत प्रसव को बढावा देने बाबत् समुचित कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ निजी चिकित्सालयों द्वारा उनके अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों के उपचार से इंकार कर उन्हें सरकारी अस्पतालों में रैफर किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त यह भी संज्ञान में आया है कि ए.बी.-एम.जी.आर.एस.बी.वाई. में सूचित अस्पतालों द्वारा एन.एफ.एस.ए. एवं एस.ई.सी.सी. श्रेणी के लाभार्थियों से अनावश्यक रूप से राशि वसूल की जा रही है, जो केवल अनुचित है अपितु अनैतिक भी है। उन्हांेंने बताया कि आदेशों की अव्हेलना की स्थिति में ऐसे निजी चिकित्सालयों के विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 188 एवं आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 के अन्तर्गत आवश्यक कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।